पीलीभीत टाइगर रिजर्व: सायफन पुल पर सफारी वाहनों से बाघ को घेरा, वीडियो वायरल होने से मची खलबली; नोटिस जारी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में रविवार को जंगल सफारी के दौरान सायफन पुल पर बाघ आ गया। सफारी चालकों ने पुल की दोनों तरफ वाहन लगा दिए, जिससे बाघ असहज हो गया। इसका वीडियो वायरल होने पर रेंजर, बीट प्रभारी और वाचर को नोटिस जारी किया गया है।
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पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के पर्यटन सत्र के दौरान नियमों की अनदेखी का सिलसिला जारी है। रविवार को जंगल सफारी के चिह्नित मार्ग पर स्थित सायफन पुल पर चहलकदमी कर रहे बाघ को दखने के लिए दोनों ओर से कई सफारी वाहन पहुंच गए। दोनों ओर रास्ता घिरने से बाघ असहज हो गया। चालक और गाइड भी पूरी तरह से अनजान रहे। सोमवार को वीडियो वायरल होने के बाद अफसर गंभीर हुए। रेंजर, बीट प्रभारी, वाचर और चार सफारी वाहनों के चालक-गाइडों को नोटिस दिया गया है।
मामला पीटीआर की बराही रेंज के सायफन पुल का है। सोमवार को वायरल हुए वीडियो में देखा जा रहा है कि जंगल सफारी के दौरान कुछ वाहन पुल क्षेत्र में पहुंचे। जंगल से निकला एक बाघ पुल पर चहलकदमी कर रहा था। नियमों का पालन करने का दावा करने वाले सफारी वाहन के चालक और गाइड अनजान बन गए और सैलानियों को खुश करने के लिए जोखिम उठाकर वाहनों को पुल के दोनों ओर लगा दिया। इससे रास्ता बंद होने से बाघ के कदम भी ठहर गए। बाघ असहज हो गया। काफी देर तक वाहन चालक, गाइड और उसमें सवार सैलानी उसकी वीडियो बनाते रहे।
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इसके बाद एक छोर से वाहनो को पीछे कर रास्ता खोला गया। बाघ धीमे कदमों से चहलकदमी कर पुल से पार होकर जंगल की ओर निकल गया। पूरे मामले का वीडियो वायरल होने के बाद अफसर गंभीर हुए। अफसरों का दावा है कि प्रारंभिक जांच में जंगल सफारी के चार वाहनों के मौके पर होने की बात सामने आई है। उसके चालक और गाइडों को चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही संबंधित वन क्षेत्र के रेंजर, बीट प्रभारी और वन वॉचर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
एसडीओ माला को सौंपी जांच, गाज गिरना तय
डीएफओ मनीष सिंह का कहना है कि नियमों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वीडियो का संज्ञान लिया गया है। पूरे मामले की जांच एसडीओ माला को सौंपी गई है। संबंधित को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जंगल सफारी के दौरान निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य है, ताकि पर्यटकों और वन्यजीवों दोनों की सुरक्षा बनी रहे। माना जा रहा है कि इस गंभीर चूक पर संबंधित जिम्मेदारों की सेवाएं भी समाप्त हो सकती हैं।