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International Cheetah Day 2025: भारत का एकमात्र स्थल, जहां चीता सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Thu, 04 Dec 2025 10:00 AM IST
सार
Cheetah Safari In India: यदि आप अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर यादगार बनाना चाहते हैं तो ऐसी जगह पर जाएं जहां आपको आसानी से चीता देखने को मिल जाएंगे।
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देश में एक मात्र जगह, जहां चीता सफारी के लिए जा सकते हैं
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
हर साल अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य चीतों के संरक्षण के बारे में जागरूक करना है। चीता दुनिया में सबसे तेज जमीनी जानवर हैं। साल 2010 में खय्याल नाम के चीते के जन्मदिन पर डाॅ. लाॅरी मार्क ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस की स्थापना की थी। उन्होंने शुरुआती शोध में चीतों के संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को महसूस किया।
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भारत में चीतों की संख्या की बात करें तो वर्तमान में भारत में 32 चीते हैं, जिसमें से 19 का जन्म भारत में ही हुआ है। अगर आप भारत में चीता देखना चाहते हैं तो सिर्फ दो ही ऐसे स्थान हैं जहां चीते मौजूद हैं। हालांकि भविष्य के लिए कुछ जगहों को चीता स्थल बनाने की तैयारी हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश के दो वन्य जीव अभ्यारणों में चीते रह रहे हैं। हालांकि चीता सफारी का लुत्फ मात्र एक ही स्थल पर उठाया जा सकता है। दो स्थलों में पहला कूनो राष्ट्रीय उद्यान है, जहां कुल 32 में से 30 चीते हैं। दूसरा, गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य, मंदसौर है, जहां दो चीते रखे गए हैं।
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यदि आप अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर यादगार बनाना चाहते हैं तो ऐसी जगह पर जाएं जहां आपको आसानी से चीता देखने को मिल जाएंगे।
भारत में चीता देखने योग्य मुख्य स्थल
कूनो नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में साल 2025 में भारत के पहले चीता सफारी की शुरुआत हुई। यहां नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को पुनर्वासित कर उन्हें प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा गया है। पिछले महीनों में पांच चीतों के जन्म के बाद यहां चीतों की संख्या बढ़कर 27 से 32 हो गई है। सफारी के दौरान इनकी आज़ादी और चाल-चलन का जीवंत अनुभव मिल सकता है। यदि आप भारत में पहली बार चीता को उनके असली वाइल्ड वातावरण में देखना चाहती हैं, तो कूनो नेशनल पार्क सबसे भरोसेमंद और स्थापित विकल्प है।
गांधीसागर अभयारण्य, मध्य प्रदेश
भारत में चीता पुनरावास के दूसरे केंद्रों में से एक मध्य प्रदेश का गांधी सागर अभयारण्य है। कुछ चीतों को कूनो से गांधीसागर में स्थानांतरित किया जा रहा है। यदि आप चीता सफारी पर जाना चाहते हैं, तो भविष्य में संभव है कि गांधीसागर भी पर्यटन-प्रविष्टियों के लिए खुल जाए। यह स्थल चीता संरक्षण प्रयासों में सहायक पर्यटक स्थलों में से एक है। साथ ही भविष्य में लोकप्रिय सफारी स्थल बन सकता है।