पहाड़ो पर मौजूद कुछ गुरुद्वारों की खूबसूरती देखते ही बनती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के खूबसूरत गुरुद्वारों के बारे में जहां के नजारों के साथ-साथ खूबसूरत वास्तुकला का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
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बेहद ही खूबसूरत हैं देश के ये गुरुद्वारे, शांति और आध्यात्मिकता का होता है अनुभव
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: योगेश जोशी
Updated Tue, 27 Oct 2020 01:17 PM IST
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- फोटो : Social media
गुरुद्वारा पत्थर साहिब
- लेह के लद्दाख और जांस्कर पर्वतमाला में स्थित इस गुरुद्वारे की देखभाल यहां पर तैनात भारतीय सेना के कर्मचारी करते हैं। यह गुरुद्वारा गुरु नानकजी की याद में बनाया गया है। यहां शांति और आध्यात्मिकता का अलग ही अनुभव होता है। इस गुरुद्वारे के आसपास से कई सारे ट्रेक शुरू होते हैं।
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गुरुद्वारा पौंटा साहिब
- यमुना नदी के किनारे स्थित यह गुरुद्वारा सिखों के लिए दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की याद में निर्मित यह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। स्थानीय लोगों के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह चार साल यहां रुके थे। एक पौराणिक कथा के अनुसार, गुरु ने पौंटा साहिब में रहने का फैसला किया क्योंकि वे जिस घोड़े की सवारी कर रहे थे वह अपने आप यहां पर रुक गया था।
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तख्त श्री केशगढ़ साहिब
- शिवालिक पर्वत के किनारे मौजूद तख्त श्री केशगढ़ साहिब स्थित है। यह वह जगह है जहां अंतिम दो सिख गुरु रुके थे और जहां गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह सिखों के सबसे पवित्र माने जाने वाले पांच स्थानों में से एक है और पांच अहम तख्तों में से एक भी है। यह गुरुद्वारा आनंदपुर साहिब, पंजाब के शहर के केंद्र में स्थित है।
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श्री हेमकुंड साहिब
- चारों तरफ बर्फीले पहाड़ों से घिर हुआ ये गुरुद्वारा आपके मन को अलग शांति देगा। यह जगह हिमालय में लगभग 4650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और ऋषिकेश से लगभग 275 किलोमीटर की दूरी पर है। गुरुद्वारों के पास एक झील भी मौजूद है। यह गुरुद्वारा तिब्बत और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के चमोली जिला में स्थित है।