Lucknow: बिजली विभाग की प्रताड़ना से परेशान युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर दी जान, बुलंदशहर से आया था
लखनऊ में लामार्ट चौराहे के पास युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी मिलने पर उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई

विस्तार

एसीपी हजरतगंज विकास जायसवाल के मुताबिक सुबह 9:20 बजे पुलिस को सूचना मिली कि लामार्ट चौराहे के पास एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई है। पुलिस पहुंची तो युवक को उल्टी हो रही थी। पूछताछ में बुलंदशहर के तातारपुर, कोतवाली नगर निवासी अजय ने बताया कि उसने जहर खा लिया है। इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाने के साथ बुलंदशहर पुलिस को जानकारी दे दी गई।
कई बार अफसरों से गुहार लगाई
अजय ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में उन्होंने आटा चक्की लगाई थी। सात मई 2014 को अधिक लोड के कारण वहां का ट्रांसफार्मर जल गया। दूसरा ट्रांसफर 21 मई को लगवाया गया, जो एक घंटा बाद ही फुंक गया। आरोप लगाया कि नया ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए अजय ने कई बार अफसरों से गुहार लगाई। इस पर अवर अभियंता ने 70 फीसदी रकम जमा करने पर ही इसकी स्वीकृति देने की बात कही। इस वजह से अजय की चक्की अभी तक बंद है।
11 वर्ष से अधिकारियों के चक्कर लगाने से तंग आकर अजय शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे। वह मुख्यमंत्री से मिलकर परेशानी बताना चाहते थे, लेकिन इसके पहले ही जहरीला पदार्थ खा लिया। अजय के पास से मिले प्रार्थनापत्र में उन्होंने जेई, एई और अन्य अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार भी अधिकारियों को ठहराया है।
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अधिकारी टरकाते रहे तो टूट गई हिम्मत
प्रार्थनापत्र में अजय ने लिखा कि नए ट्रांसफार्मर के लिए रुपये मांगे जाने पर उन्होंने चीफ इंजीनियर गाजियाबाद से शिकायत की। इस पर उन्होंने मुख्य अभियंता को लोड बढ़ाने के निर्देश दिए, जिसका इस्टीमेट भी तैयार किया गया। इसकी जानकारी लेने के जिए अजय बुलंदशहर के विद्युत वितरण खंड द्वितीय हाईडिल पहुंचे तो पता चला कि तत्कालीन जेई ने उसे फाड़ दिया है। अजय ने जेई और एसडीओ पर रिश्वत लेकर गांव में दूसरी ओर ट्रांसफार्मर लगाने के भी आरोप लगाए हैं। अधिकारियों के बार-बार टरकाने से अजय टूट गए थे।
झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी
पत्र में अजय ने लिखा कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी थी। इसके लिए उनकी चक्की पर छापा भी मारा। फिर बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज कर दी गई। एसीपी हजरतगंज का कहना है कि अजय परिवार से अलग रहते थे। उनका बेटा गाजियाबाद में नौकरी करता है। परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। अजय शराब पीने के आदी थे।
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