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Brain Stroke: नशा करने वाले लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा, युवाओं में सर्वाधिक बढ़ रहे मामले

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 29 Oct 2025 02:52 PM IST
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सार

डॉ. हैदर अब्बास ने बताया कि आज बड़ी आबादी ब्लड प्रेशर (बीपी) की समस्या से ग्रसित है। इसका कारण अनियमित दिनचर्या है। ब्लड प्रेशर की यही समस्या ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन रही है। कम उम्र के लोगों में भी ब्रेन स्ट्रोक मामले सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।

Brain Stroke: Drug users are at highest risk of brain stroke
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : Freepik.com
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विस्तार
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जिस तरह हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है। उसी तरह ब्रेन स्ट्रोक भी खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक से बचना है तो धूम्रपान व शराब की लत तुरंत छोड़नी चाहिए। ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में नशा एक बड़ी वजह है। यह जानकारी केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. प्रेमराज सिंह ने विश्व स्ट्रोक दिवस की पूर्व संध्या पर दी। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में ब्रेन स्ट्रोक के रोजाना पांच से सात मरीज आते हैं। ठंड के मौसम में मरीजों की संख्या 12 से 15 तक हो जाती हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि यदि सेहत सही रखनी है तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। खानपान में लापरवाही न करें। पौष्टिक आहार ही लें।



लक्षण दिखने पर मरीज को गोल्डन ऑवर में डॉक्टर के पास ले जाएं
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के इमरजेंसी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. हैदर अब्बास ने बताया कि आज बड़ी आबादी ब्लड प्रेशर (बीपी) की समस्या से ग्रसित है। इसका कारण अनियमित दिनचर्या है। ब्लड प्रेशर की यही समस्या ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन रही है। कम उम्र के लोगों में भी ब्रेन स्ट्रोक मामले सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। अब जरूरी है कि लोग ब्रेन स्ट्रोक के प्रति जागरूक हों। उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर मरीज को तीन से चार घंटे (गोल्डन ऑवर) के अंदर डॉक्टर के पास या स्ट्रोक रेडी सेंटर पर ले जाना बेहतर होता है। इलाज में देरी से मरीज के अंग खराब हो सकते हैं।
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सेहत की नियमित कराते रहें जांच
डॉ. प्रेमराज ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति नियमित तौर पर कुछ जांच कराए तो स्ट्रोक समेत कई अन्य बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है। व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर की जांच तो जरूर करानी चाहिए। इससे बीमारी का शुरुआत में पता चलते पर एहतियात बरता जा सकता है।

दो तरह के होते हैं स्ट्रोक
 डॉ. हैदर अब्बास ने बताया कि स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में ब्लड सप्लाई करने वाली धमनी में थक्का (क्लॉट) जम जाता है। इससे खून की आपूर्ति रुक जाती है। करीब 85 फीसदी केस इसी स्ट्रोक के होते हैं। दूसरे रक्तस्रावी स्ट्रोक में दिमाग की कोई रक्त की कोई नस फट जाती है। इस रक्तस्त्राव से ब्रेन के टिश्यू पर दबाव पड़ता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हो जाती है। ऐसे मामले करीब 15 फीसदी होते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के कारण

उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, धूम्रपान, शराब का सेवन, अधिक वजन, तनाव, नींद की कमी, अनियमित जीवनशैली

ऐसे करें पहचान
- अचानक शरीर के एक हिस्से में कमजोरी
- बोलने या देखने मे दिक्कत।
- चलने में दिक्कत।
- सिरदर्द या मतली।

इस तरह कर सकते हैं बचाव
- स्वस्थ आहार लें।
- नियमित व्यायाम करें।
- धूम्रपान व शराब का सेवन बंद करें।
- उच्च रक्तचाप व मधुमेह नियंत्रित रखें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।
- तनाव प्रबंधन करें। 
- अच्छी नींद की आदत डालें। 

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