लखनऊ। भारतीय दंत परिषद सदस्य के चुनाव में दंत संकाय के डीन डॉ. अनिल चंद्रा विजयी रहे। उन्होंने डॉ. पवित्र रस्तोगी को 21 मतों से पराजित किया। डॉ. चंद्रा ने कहा कि दंत चिकित्सा के पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाना उनकी प्राथमिकता होगी। केजीएमयू में पहली बार यह चुनाव हुआ है। डॉ. चंद्रा का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा।
भारतीय दंत चिकित्सा परिषद में पूरे देश से करीब 80 सदस्य चुने जाते हैं। यूनिवर्सिटी बनने के बाद पहली बार हो रहे इस चुनाव में सदस्य पद के लिए दंत संकाय के डीन डॉ. अनिल चंद्रा और पेरियोडांटोलॉजी विभाग के डॉ. पवित्र रस्तोगी के बीच सीधा मुकाबला था। मंगलवार दोपहर केजीएमयू कुलपति ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी की अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी कोर्ट की बैठक हुई। इसके बाद चुनाव कराया गया। चुनाव में 72 मतदाताओं ने वोट डाला। इसमें डॉ. अनिल चंद्रा को 46 तो डॉ. पवित्र रस्तोगी को 25 वोट मिले। एक मत निरस्त हो गया। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद डॉ. चंद्रा को समर्थकों ने फूल माला से लाद दिया।
डेंटल फैकल्टी को नंबर वन बनाएंगे
जीत के बाद डॉ. चंद्रा ने बताया कि अभी तक डेंटल फैकल्टी को नंबर दो की हैसियत से देखा जाता है। ऐसे में प्रयास किया जाएगा कि इसे नंबर वन पर बनाएं। इसके लिए 1960 से चल रहे दंत संकाय के पाठ्यक्रम का मूल्यांकन कर नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। पाठ्यक्रम में उन बातों को शामिल किया जाएगा, जिससे बीडीएस की पढ़ाई पूरी करते ही छात्र को तत्काल रोजगार मिल जाए। इसी तरह एमडीएस और दंत संकाय से जुड़े अन्य डिप्लोमा व डिग्री कोर्स भी शुरू कराए जाएंगे।