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फर्जी फर्मों से फ्रॉड: लोहे में टैक्स चोरी के सिंडीकेट की जड़ें दुबई तक, करोड़ों की चोरी कर विदेश जा बसे

अभिषेक गुप्ता, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Fri, 31 Oct 2025 09:19 AM IST
सार

फर्जी फर्मों से फ्रॉड करने वाले वाले करोड़ों की टैक्स चोरी को अंजाम देकर विदेश जा बसे हैं और अब वहीं से सिंडिकेट को संचालित कर रहे हैं। देश में उनके सैकड़ों गुर्गे काम कर रहे हैं।

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Fraud by fake firms: Iron tax evasion syndicate traces its roots to Dubai, stealing crores and settling abroad
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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लोहे में संगठित टैक्स चोरी के सिंडीकेट की जड़ें विदेशों तक फैली हैं। एनसीआर का एक कर अपवंचक टैक्स चोरी के जरिये एक हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई कर दुबई शिफ्ट हो गया है। यहां 200 से ज्यादा गुगों ने अलग अलग नामों से सैकड़ों फर्मे बना रखी हैं जिनके जरिये आयरन स्क्रैप की खेप यूपी के सात जिलों में भेजी जा रही है।

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लोहे में होने वाली टैक्स चोरी का नेटवर्क दुबई, सिंगापुर, थाईलैंड तक फैला है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक दुबई शिफ्ट हो चुके कर अपवंचक के गुर्गे यहां 300 से ज्यादा फर्मों के जरिये टैक्स चोरी के स्क्रैप की सप्लाई कर रहे हैं। इसी तरह सेंट्रल यूपी के लोहे से जुड़े दो कर अपवंचकों ने भी सिंगापुर व थाईलैंड में अपना ठिकाना बना लिया है। इसके अलावा सिंडीकेट के एजेंट बिहार-झारखंड से कबाड़ लाकर यूपी के वाराणसी, अलीगढ़, सहारनपुर जिलों से होते हुए पंजाब तक पहुंचा रहे हैं। यहां स्क्रैप बड़ी कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है। अकेले बुंदेलखंड में स्क्रैप कारोबारियों द्वारा फर्जी कंपनियों व इनवॉयस के माध्यम से 23.5 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का फ्रॉड किया गया।
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कानपुर, कानपुर देहात और उससे सटे तीन जिलों में भी 300 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ में आ चुकी है। इस वर्ष जून के दूसरे हफ्ते में सहारनपुर में करीब ढाई दर्जन वाहनों को पकड़ने के बाद साफ हो गया है कि बिहार-झारखंड से पंजाब तक वाया यूपी जाने वाले वाहनों को सुरक्षित पहुंचाने का ठेका लेने वाले एजेंटों का नेटवर्क और मजबूत हो गया है। शासन ऐसे मामलों की जांच कर रहा है।

फर्मों का भौतिक सत्यापन बना जी का जंजाल
शासन ने टैक्स चोरी रोकने के लिए एक-एक फर्म के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। राज्य कर अधिकारियों को एक दिन में करीब 30 फर्मों के सत्यापन का लक्ष्य दिया गया है जो संभव नहीं है। लिहाजा अधिकांश सत्यापन कागजी खानापूरी के साथ हो रहे हैं। विभाग का कहना है कि फ्रॉड रोकना है तो नई पंजीकृत होने वाली फर्मों के सत्यापन की जांच राज्य कर विभाग से कराई जाए भले ही फर्म केंद्रीय जीएसटी में पंजीकृत हो क्योंकि वहां स्टाफ का संकट है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि 25 लाख पुरानी फर्मों की रेकी संभव नहीं है।

कबाड़ से एकत्र स्क्रैप का खेल
लोहे में भारी मात्रा में जीएसटी चोरी का पंजाब और यूपी गढ़ बन चुका है। गली-गली घूम रहे कबाड़ियों से एकत्र स्क्रैप कहां जा रहा है, इसकी पूरी कड़ी विभाग के पास नहीं है। ये कबाड़ नेपाल के साथ देश के दूसरे राज्यों से भी आ रहा है जिसे गलाकर सरिया, इंगट आदि बनाया जा रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अरबों की टैक्स चोरी में बड़ी-बड़ी कंपनियां संलिप्त हैं।

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