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Lucknow News: अवैध अस्पतालों पर लगेगा 50 हजार रुपये जुर्माना
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लखनऊ। राजधानी में बिना पंजीकरण संचालित हो रहे अस्पतालों पर अब स्वास्थ्य विभाग की नजर टेढ़ी हो गई है। सीएमओ ने अभी तक बिना पंजीकरण मिले अस्पतालों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है, जिसके बाद अफसरों ने कागजी प्रक्रिया शुरू करा दी है। अफसरों का कहना है कि आगामी तीन कार्य दिवस के अंदर सभी पर जुर्माना लगाकर राशि कोषागार में जमा कराई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, राजधानी में करीब एक हजार से अधिक निजी अस्पताल-लैब व क्लीनिक हैं, मगर हकीकत में यह संख्या कहीं अधिक है। ऐसे में यह तय है कि राजधानी में बड़ी तादाद में अवैध क्लीनिक व अस्पतालों का संचालन हो रहा है, जिनके चंगुल में फंसकर मरीज जान तक गंवा रहे हैं। ऐसे ही कुछ मामलों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई तो इस साल छह से सात अस्पताल बिना पंजीकरण संचालित होते पाए जा चुके हैं, मगर इनका संचालन रोकना तो दूर, जुर्माना तक अफसरों ने नहीं लगाया।
इस मसले को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद अफसरों की नींद टूटी और अब जुर्माना लगाने का आदेश हुआ है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए अस्पतालों का नए सिरे से निरीक्षण कराया जाएगा। मानक पूरे मिलने पर ही उनका लाइसेंस जारी होगा।
50 हजार तक जुर्माने का है प्रावधान
नए नियम के तहत पंजीकरण न कराने वाले अस्पतालों पर 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। अभी तक इक्का-दुक्का मामलों में जुर्माना लगाकर खानापूर्ति हुई थी, मगर अब यह कार्रवाई और कड़ी होगी।
30 दिन के अंदर करना होता है पंजीकरण
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत आवेदन के एक माह के भीतर पंजीकरण का नियम है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि कोई भी नया प्रतिष्ठान लाइसेंस के लिए नया ऑनलाइन आवेदन करता है। इसमें 30 दिन की समय सीमा तय है। टीम अस्पताल का निरीक्षण करके रिपोर्ट लगाती है। केंद्र मानक अनुरूप होता है तो उसका पंजीकरण किया जाता है, अन्यथा आवेदन पोर्टल पर निरस्त कर दिया जाता है।

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स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, राजधानी में करीब एक हजार से अधिक निजी अस्पताल-लैब व क्लीनिक हैं, मगर हकीकत में यह संख्या कहीं अधिक है। ऐसे में यह तय है कि राजधानी में बड़ी तादाद में अवैध क्लीनिक व अस्पतालों का संचालन हो रहा है, जिनके चंगुल में फंसकर मरीज जान तक गंवा रहे हैं। ऐसे ही कुछ मामलों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई तो इस साल छह से सात अस्पताल बिना पंजीकरण संचालित होते पाए जा चुके हैं, मगर इनका संचालन रोकना तो दूर, जुर्माना तक अफसरों ने नहीं लगाया।
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इस मसले को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद अफसरों की नींद टूटी और अब जुर्माना लगाने का आदेश हुआ है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए अस्पतालों का नए सिरे से निरीक्षण कराया जाएगा। मानक पूरे मिलने पर ही उनका लाइसेंस जारी होगा।
50 हजार तक जुर्माने का है प्रावधान
नए नियम के तहत पंजीकरण न कराने वाले अस्पतालों पर 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। अभी तक इक्का-दुक्का मामलों में जुर्माना लगाकर खानापूर्ति हुई थी, मगर अब यह कार्रवाई और कड़ी होगी।
30 दिन के अंदर करना होता है पंजीकरण
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत आवेदन के एक माह के भीतर पंजीकरण का नियम है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि कोई भी नया प्रतिष्ठान लाइसेंस के लिए नया ऑनलाइन आवेदन करता है। इसमें 30 दिन की समय सीमा तय है। टीम अस्पताल का निरीक्षण करके रिपोर्ट लगाती है। केंद्र मानक अनुरूप होता है तो उसका पंजीकरण किया जाता है, अन्यथा आवेदन पोर्टल पर निरस्त कर दिया जाता है।