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UP: नेपाल में बढ़ी लश्कर-ए-ताइबा की सक्रियता, युवाओं के आंदोलन के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भी सक्रिय
अभिषेक राज, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Fri, 26 Sep 2025 12:33 PM IST
सार
नेपाल में युवाओं (जेन-जी) के आंदोलन के बाद आतंकवादी संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। जिसके कारण नेपाल से लगती सीमा पर अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं, एसएसबी भी सक्रिय है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
युवाओं (जेन-जी) के आंदोलन के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा और जैश-ए-मोहम्मद ने नेपाल में सक्रियता बढ़ा दी है। पाकिस्तान बॉर्डर से घुसपैठ की असफलता के बाद दोनों नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हो सकते हैं। इस सूचना के बाद नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।
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दोनों आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल की सक्रियता पर भी नजर रखी जा रही है। इससे पहले 10 जुलाई को काठमांडो में आयोजित एनआईआईसीई के सेमिनार में भी नेपाल के रास्ते घुसपैठ की आशंका जताई जा चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार दोनों आतंकी संगठनों की इस्लामी संघ ऑफ नेपाल (आईएसएन) व वर्क फॉर नेपाल जैसे संगठन मदद कर सकते हैं। इन दोनों को काठमांडो स्थित पाकिस्तानी दूतावास से समर्थन मिल रहा है। ऐसे में ये दोनों संगठन आतंकियों को वित्तीय मदद के साथ ही सेफ शेल्टर भी मुहैया करा सकते हैं।
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नेपाल में काम कर चुके आईबी के पूर्व अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि नेपाल में आज जो भी हो रहा है उसकी पृष्ठभूमि फरवरी से ही तैयार होने लगी थी। आठ और नौ फरवरी को आईएसएन की ओर से तबलीग-उल-इस्लाम, सुनसरी (नेपाल) में दो दिवसीय जलसा आयोजित किया गया था। वहां पाकिस्तानी और बांग्लादेशी संदिग्धों का जमावड़ा हुआ था। इसे नेपाल के साथ ही भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव से भी जोड़कर देख सकते हैं। अब युवाओं (जेन-जी) आंदोलन का लाभ उठाकर बॉर्डर से घुसपैठ कराने की साजिश रची जा रही है। नेपाल में बांग्लादेश जैसे भारत विरोधी माहौल बनाने की भी साजिश रची जा रही है।
नेपाली कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिषेक प्रताप शाह बताते हैं कि 10 जुलाई 2025 में नेपाल अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सहभागिता संस्थान (एनआईआईसीई) ने काठमांडो में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया था। इसमें भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर की खुली सीमा को लेकर चिंता जताई गई थी। तब नेपाल के राष्ट्रपति के तत्कालीन सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने कहा था कि लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नेपाल का उपयोग कर रहे हैं।
एसएसबी 42वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट दिलीप कुमार का कहना है कि नेपाल में बदले हालात के बाद से ही बॉर्डर पर चौकसी है। हर आने-जाने वालों की जांच की जा रही है। वन क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई गई है।