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लखनऊ: संविदा पर सफाई करने वाले कर्मचारियों पर बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने का शक, पुलिस से जांच कराएगा निगम

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Wed, 05 Nov 2025 10:31 AM IST
सार

Bangladeshi infiltrators: लखनऊ में संविदा एजेंसियों के माध्यम से जिन सफाई कर्मियों की नियुक्ति हुई है उन पर बांग्लादेशी होने का शक है। निगम पुलिस से उनकी जांच कराएगा। 

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Lucknow: Contract sanitation workers suspected of being Bangladeshi or Rohingya, corporation to conduct police
सफाई कर्मियों के बांग्लादेशी होने का शक। - फोटो : अमर उजाला।
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नगर निगम शहर में कार्यदायी संस्थाओं के जरिये सफाई का काम करने वाले 12 हजार कर्मचारियों की जांच पुलिस से कराएगा। यह पता किया जाएगा कि सफाई कर्मियों में बांग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं हैं। जिन कार्यदायी संस्थाओं के कर्मचारी बांग्लादेशी पाए जाएंगे, नगर निगम प्रशासन उन्हें काम से हटाने से लेकर काली सूची में डालने तक की कार्रवाई करेगा। इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने आदेश जारी कर एक सप्ताह में जांच कराने के लिए कहा है।

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नगर निगम में कई बार ये मामला उठ चुका है कि सफाई और कूड़ा उठान के काम में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शामिल हैं। बांग्लादेशियों को हटाने के लिए कई बार कागजी कवायद हुई है। अब एक बार फिर से नगर स्वास्थ्य अधिकारी पीके श्रीवास्तव के आदेश पर जांच कर बांग्लादेशियाें को चिह्नित करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।
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नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी जोनल सिनेटरी अधिकारियों से कहा है कि कार्यदायी संस्थाओं के सभी सफाई कर्मियों का पुलिस से सत्यापन कराया जाए। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा जाए। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाए।

बीते वर्ष इंदिरा नगर में हुआ था बवाल

बीते वर्ष 29 दिसंबर को इंदिरा नगर क्षेत्र के चांदन गांव में बांग्लादेशियों को लेकर बड़ा बवाल हुआ था। इंदिरा प्रियदर्शिनी वार्ड के घरों से कूड़ा कलेक्शन करने वाले प्राइवेट ठेलिया वालों को जब नगर निगम की टीम ने पकड़ने का प्रयास किया तो मारपीट हुई थी। प्राइवेट ठेलिया वालों पर निगम के कई कर्मचारियों को पीटने आरोप लगा था। महापौर सुषमा खर्कवाल, तत्कालीन नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह और पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे थे। नगर निगम टीम से मारपीट करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। अतिक्रमण कर बनाई गईं झोपड़ियों पर बुलडोजर भी चला था। घटना के बाद महापौर ने कहा था कि शहर से अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को चिह्नित कर बाहर किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।

पुलिस आयुक्त और डीएम को लिखा था पत्र

चांदन गांव में बवाल के बाद महापौर सुषमा खर्कवाल ने शहर में अवैध रूप से झोपड़ी बनाकर रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए पुलिस आयुक्त और डीएम को पत्र भी लिखा था। महापौर ने अपने पत्र के साथ इंदिरा नगर, शिवाजीपुरम और कई अन्य समितियों के करीब 119 पत्रों को भी लगाया था। इन सभी पत्र में अवैध बंगलादेशियों और रोहिंग्या के झोपड़ी डालकर बसने और गंदगी फैलाने की शिकायत थी।

पुलिस से होगी जांच

कार्यदायी संस्थाओं के जरिए लगे सफाई कर्मियों का पुलिस सत्यापन कराने के लिए सभी जोनल सिनेटरी अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। जांच में जिस संस्था में बांग्लादेशी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की जाएगी। जिसमें कर्मचारी और कार्यदायी संस्था को काम से हटाने, जुर्माना लगाने और नोटिस जारी करने तक की कार्रवाई हो सकती है। क्या कार्रवाई की जाए, यह जांच रिपोर्ट आने के बाद नगर आयुक्त के निर्देश के बाद तय होगा।-पीके श्रीवास्तव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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