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यूपी में स्कूलों का विलय: HC के फैसले के बाद AAP जाएगी सुप्रीम कोर्ट, पूरे प्रदेश में होंगे विरोध प्रदर्शन

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Mon, 07 Jul 2025 09:16 PM IST
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सार

Merger of schools: यूपी में स्कूलों के विलय के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को राहत दी है। इसी के साथ विलय का रास्ता खुल गया है। अब इस मामले में संगठन पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेंगे। 

Merger of schools in UP, AAP will go to Supreme Court against the decision of High Court, teachers' organizati
यूपी में स्कूलों के विलय को लेकर शिक्षक संगठन करेंगे विरोध। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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प्रदेश में कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) को लेकर शिक्षक संगठनों का विरोध जारी रहेगा। इस मामले में शिक्षक संगठनों ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है। वहीं जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

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विद्यालय विलय को लेकर हो रहे विरोध के बीच बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने लखनऊ स्थित आवास पर मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन देकर विद्यालय विलय की नीति के दुष्प्रभावों की चर्चा की। प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी।
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विद्यालयों का जबर्दस्ती विलय न केवल बच्चों के लिए असुविधाजनक होगा, बल्कि इससे समाज में शिक्षा के प्रति विश्वास भी कमजोर होगा। प्रदेशीय संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि विद्यालय विलय से बाल अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। प्रदेश मंत्री सुनील कुमार रावत ने कहा कि विद्यालयों में कम नामांकन का एक प्रमुख कारण इन विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का अभाव व शिक्षकों की कमी से शिक्षा की गुणवत्ता का प्रभावित होना है। इसलिए विद्यालयों को बंद करने की जगह उनमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

महासंघ ने मांग की कि इस नीति को तत्काल रोका जाए। इसके स्थान पर वैकल्पिक समाधान जैसे शिक्षकों की नियुक्ति, आधारभूत संरचना में सुधार और स्थानीय समुदाय की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। इसी क्रम में कुछ और शिक्षक संघ से भी बेसिक शिक्षा मंत्री ने मुलाकात की। दूसरी तरफ यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि विद्यालय विलय आने वाले समय में ड्रॉपआउट भी बढ़ाएगा। यूटा जल्द ही न्यायालय के आदेश के क्रम में विधिक राय लेकर कानूनी लड़ाई के लिए योजना बनाएंगे।

 प्रदेश भर में बीएसए कार्यालय पर धरना

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ विद्यालयों के विलय के विरोध में प्रदेश भर में सभी बीएसए कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन के बाद 10 सूत्रीय मांग पत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 150 से कम छात्र वाले प्राथमिक विद्यालय व 100 से संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए काफी प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया है। वहीं शिक्षकों की लंबित समस्याओं का समाधान भी नहीं किया जा रहा है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने बैठक कर इस धरने का समर्थन किया है। संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष आरपी मिश्रा ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों का विलय गलत है। माध्यमिक के शिक्षक भी धरने में शामिल होंगे।

आप लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएगी: संजय सिंह

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को कहा है कि मैं हाईकोर्ट के फ़ैसले से हैरान हूं। संजय सिंह ने बयान जारी कर व एक्स पर लिखा कि क्या यही है ‘शिक्षा का अधिकार’? उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले पर चुप नहीं बैठेगी। वह इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएगी। बता दें कि स्कूलों के विलय के विरोध में आप जिलों में लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है।

हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से स्कूलों के विलय मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के विलय के आदेश को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सीतापुर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले 51 बच्चों समेत एक अन्य याचिका पर यह फैसला सुनाया। इनमें बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बीती 16 जून को जारी उस आदेश को चुनौती देकर रद्द करने का आग्रह किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की संख्या के आधार पर उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में विलय करने का प्रावधान किया गया है।
 
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