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UP: भारतीय नौसेना की अदम्य वीरता का जीवंत प्रतीक होगा लखनऊ का ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’, सीएम योगी ने की चर्चा

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Thu, 30 Oct 2025 01:24 PM IST
सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ का ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’भारतीय नौसेना की अदम्य वीरता और सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक होगा। यह संग्रहालय भारत की समुद्री आत्मा और सभ्यता की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाएगा।

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'Naval Shaurya Museum' will soon be ready in Lucknow
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : ANI
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विस्तार
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन करते हुए इसके शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समुद्र भारत की सभ्यता का मंथन स्थल रहा है और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परंपरा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ का यह संग्रहालय उसी परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।



बैठक में बताया गया कि संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के अमूर्त रूप में होगा। जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियां, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के साथ इसे विशिष्ट पहचान दी जाने की योजना है। परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, सेंट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉकवे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउंटेन और लाइट-एंड-साउंड एरिना शामिल होंगे। डिजाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेंटिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय को केवल देखने योग्य नहीं बल्कि 'अनुभव का केंद्र' बनाया जाए, जहां दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि डिस्प्ले में डिजिटल, इंटरएक्टिव और इमर्सिव तकनीकों का प्रयोग हो ताकि लोग नौसेना के अभियान, युद्ध और तकनीकी प्रगति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि नौसेना संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

दो हिस्सों में विकसित हो रही परियोजना
प्रस्तुति में बताया गया कि परियोजना दो प्रमुख हिस्सों में विकसित हो रही है। पहली-‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ और दूसरी-‘नौसेना शौर्य वाटिका’। बताया गया कि ‘आईएनएस गोमती (F-21)’ गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवा दी और ‘ऑपरेशन कैक्टस’, ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि नागरिक और युवा उसकी बहादुरी की कहानी को प्रत्यक्ष देख सकें।

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