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राजद्रोह जैसे गंभीर मामले में लचर विवेचना पर कोर्ट सख्त, पुलिस कमिश्नर को किया तलब
न्यूज डेस्क/अमर उजाला, लखनऊ
Published by: लखनऊ ब्यूरो
Updated Wed, 07 Oct 2020 01:12 AM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
राजद्रोह जैसे गंभीर मामले में लचर विवेचना और नियमों का पालन न करने पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है। विशेष न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने राष्ट्र की अखंडता के खिलाफ बोलने, दो वर्गों में वैमनस्यता फैलाने के आरोपी पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद अयूब की जमानत अर्जी पर स्पष्टीकरण देने के लिए पुलिस कमिश्नर को तलब किया है। अगली सुनवाई आठ अक्तूबर को होगी।
कोर्ट को पत्रावली देखने से पता चला कि विवेचक ने शासन से अभियोजन चलाने की संस्तुति लिए बिना ही चार्जशीट दायर कर दी है। इस पर विवेचक ने बताया कि पूर्व विवेचक ने अभियोजन स्वीकृति के लिए 28 अगस्त को डीसीपी मध्य को पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक कोई आदेश नहीं हुआ।
इस पर कोर्ट ने कहा कि डीसीपी मध्य ने क्या आदेश किया, यह स्पष्ट नहीं है। फाइल देखने से भी नहीं पता चल रहा कि विवेचक ने जो साक्ष्य एकत्र किए उसे उच्चाधिकारियों ने देखा कि अपराध बन रहा है या नहीं। आरोपी पर लगाई धाराओं के संबंध में पुलिस ने लापरवाही भरा काम किया। कहा कि, आरोपी के खिलाफ राज्य के विरुद्ध काम करने जैसी गंभीर आरोप है। ऐसे में जमानत पर कोई निर्णय से पहले सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होना जरूरी है, लिहाजा पुलिस कमिश्नर कोर्ट में हाजिर हों।
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इस पर कोर्ट ने कहा कि डीसीपी मध्य ने क्या आदेश किया, यह स्पष्ट नहीं है। फाइल देखने से भी नहीं पता चल रहा कि विवेचक ने जो साक्ष्य एकत्र किए उसे उच्चाधिकारियों ने देखा कि अपराध बन रहा है या नहीं। आरोपी पर लगाई धाराओं के संबंध में पुलिस ने लापरवाही भरा काम किया। कहा कि, आरोपी के खिलाफ राज्य के विरुद्ध काम करने जैसी गंभीर आरोप है। ऐसे में जमानत पर कोई निर्णय से पहले सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होना जरूरी है, लिहाजा पुलिस कमिश्नर कोर्ट में हाजिर हों।