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Lucknow News: सड़कों के गड्ढे भरने के लिए नगर निगम में और बढ़ेगी बजट की किल्लत

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Mon, 15 Sep 2025 02:06 AM IST
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There will be further shortage of budget in the Municipal Corporation to fill the potholes on the roads
शहर में गड्ढे।
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लखनऊ। राजधानी की सड़कों के गड्ढे भरने के लिए नगर निगम के पास बजट पहले से ही कम है। जरूरत 40 से 50 करोड़ की है और हाथ में महज 10 करोड़। ऊपर से निगम की कार्यकारिणी ने गुपचुप तरीके से ई टेंडर की जगह मैनुअल टेंडर की व्यवस्था लागू कर दी है। अब सवाल ये है कि जब ई टेंडर से हर बार 15 से 26 प्रतिशत तक की बचत होती थी, तो आखिर मैनुअल सिस्टम क्यों लाया गया? लेकिन अब मैनुअल टेंडर में न तो प्रतिस्पर्धा होगी और न ही बचत। ज्यादातर ठेकेदार एस्टीमेट रेट पर ही काम लेंगे और जो कमीशन-सेटिंग में फिट बैठेगा, वही ठेका पाएगा।
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केस-1 :
मिर्जापुर इलाके में शंकरजी मंदिर से रमाशंकर के मकान तक और देवी दयाल वाली गली में नाली व इंटरलॉकिंग का काम हेमंत कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। इस कंपनी ने 26.22% कम रेट पर टेंडर डाला, जिससे नगर निगम का अच्छा-खासा पैसा बचा और बाद में उसी बचत से और काम कराए गए।
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केस-2 : मिश्रपुर चौराहे से अब्राहम पब्लिक स्कूल तक और रायपुर में वीके मैरिज लॉन से चंद्रशेखर के मकान तक सड़क निर्माण का काम नारायण एसोसिएट को मिला। यहां भी टेंडर 23.13% कम रेट पर आया। नतीजा निगम का बजट बचा और अतिरिक्त काम हो सके।
वेलदार-ड्राइवर बने इंजीनियर
नगर निगम के अभियंत्रण विभाग की हालत ये है कि यहां वेलदार और ड्राइवर इंजीनियर बनकर फैसले ले रहे हैं। जोन-5 में ऐसा ही मामला सामने आया है। लक्ष्मी सिक्योरिटी के शिवम मिश्रा और सचिन राय को वेलदार पद पर रखा गया है, लेकिन दोनों ऑफिस में बैठकर इंजीनियरिंग के आदेश लिख रहे हैं। इसमें जोन पांच के जोनल अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक की मिलीभगत की बात कही जा रही है। इसी तरह, जोन पांच में ही ड्राइवर पद पर तैनात शिवम बाजपेई भी इंजीनियर बन बैठा है । जोन-6 में भी नीरज नाम का कर्मचारी बेलदार है, लेकिन जिम्मेदारी इंजीनियरिंग की मिली हुई है। ऐसे हालात में सवाल उठता है कि आखिर जब विभाग ही वेलदार-ड्राइवर चला रहे हैं तो सड़कों के गड्ढे भरेंगे कैसे?
Iमैनुअल टेंडर कराने का निर्णय कार्यकारिणी ने लिया है। हमारी प्राथमिकता है कि सड़कों के गड्ढे समय से भरें और जनता को परेशानी न हो। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं, शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी।I
I- गौरव कुमार, नगर आयुक्तI

शहर में गड्ढे।

शहर में गड्ढे।

शहर में गड्ढे।

शहर में गड्ढे।

शहर में गड्ढे।

शहर में गड्ढे।

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