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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: गरीब और जल्दी पैसा कमाने की प्रवृत्ति देखकर हायर किए गए हत्यारे, हुआ खुलासा

अभिषेक राज, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Thu, 17 Oct 2024 07:21 AM IST
सार

लॉरेंस के गुर्गे को हायर करने के लिए सोशल मीडिया की मदद लेते हैं। उनके निशाने पर ऐसे युवा होते हैं जो गरीब घर के हों और कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं।

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This is how Baba Siddique's murderers came to contact in Lorence Bishnoi gang.
हत्यारे व बाबा सिद्दीकी। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद अवध क्षेत्र का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन फिर सामने आया है। गोली मारने वालों में शामिल बहराइच जिले के कैसरगंज क्षेत्र के गंडारा गांव निवासी धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम को लाॅरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य बताया जा रहा है। मुंबई पुलिस के साथ ही एसटीएफ ने भी जांच शुरू की है। सूत्रों के अनुसार बहराइच के दोनों शूटर सोशल मीडिया के माध्यम से लॉरेंस गिरोह के संपर्क में आए थे।

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आईबी के पूर्व अधिकारी बीबी सिंह बताते हैं कि लॉरेंस के गुर्गे शूटर्स को हायर करने के लिए अक्सर सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। ज्यादातर शूटर गरीब युवा होते हैं, जिन्हें कम समय में ज्यादा पैसा कमाना होता है। कुछ को विदेश जाने का भी लालच दिया जाता है। ये प्रोफेशनल शूटर नहीं होते हैं।
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लॉरेंस गिरोह की यह थ्योरी बहराइच के धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम पर सटीक बैठती है। असल में दोनों के परिवार बेहद गरीब हैं। दोनों सोशल मीडिया पर सक्रिय भी रहते थे और खुद को दबंग के तौर पर प्रस्तुत भी करते थे। ये प्रोफेशनल शूटर भी नहीं हैं। इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।

पूर्व आईपीएस प्रतीक सिंह बताते हैं कि लॉरेंस जेल में रहकर भी बेखौफ गैंग चला रहा है। उसके कुछ खास गुर्गे हैं जिनमें गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, रोहित गोदारा, सुरेंद्र सिंह उर्फ चीकू और भाई अनमोल बिश्नोई। यही वे लोग हैं जो लॉरेंस के गिरोह का विस्तार कर रहे हैं। ये 18 से लेकर 26 वर्ष के युवाओं को ही टारगेट करते हैं। धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम की उम्र भी इसी के बीच है।लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ाव के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने अयोध्या निवासी विकास सिंह को गिरफ्तार किया था। तब एनआइए ने चार्जशीट में बताया था कि लॉरेंस बिश्नोई का गैंग देश के 15 जिलों और विदेश के छह देशों में फैला है। लॉरेंस की गैंग में 1000 से ज्यादा शूटर हैं, जिनमें यूपी-बिहार के युवाओं की संख्या भी ज्यादा है।

पुराना है अवध का अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन

बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले भी अवध क्षेत्र का अंडरवर्ल्ड से मजबूत कनेक्शन रहा है। बात चाहे जेजे हॉस्पिटल शूटआउट के आरोपियों को शरण देने की हो या फिर काला घोड़ा शूटआउट। समय-समय पर अंडरवर्ल्ड से यहां के रिश्ते उजागर होते रहे हैं। 
अवध का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन वर्ष 2006 में सुर्खियों में रहा। तब मुंबई के काला घोड़ा क्षेत्र में शूटआउट के दौरान दिनदहाड़े दाऊद इब्राहिम गैंग के दो बदमाशों को पुलिस कस्टडी में ही गोलियों से भून दिया गया था। वारदात को तो अंजाम छोटा राजन गैंग ने दिया था लेकिन शूटर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गए थे, जिन्हें अंबेडकरनगर के माफिया खान मुबारक ने भेजा था। इस मामले में मुंबई पुलिस ने खान मुबारक व जफर सुपारी के साथ बच्चा पासी को पकड़ा था।

इससे पहले वर्ष 2008 में बाटला हाउस कांड के समय भी क्षेत्र का जुड़ाव सामने आया था। जेजे हॉस्पिटल शूटआउट की कड़ियां भी यहां से जुड़ीं। इस बीच अंबेडकरनगर से निकलकर जफर सुपारी ने मुंबई की जरायम की दुनिया में धमक दिखाई। छोटा राजन से मिलकर उसने सीधे दाऊद को चुनौती देनी शुरू कर दी थी।

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