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Lucknow News: परिवहन आयुक्त से मिलने पहुंचे कर्मी, सुनाई पीड़ा, मिला आश्वासन
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परिवहन आयुक्त से मिलने पहुंचे कर्मी, सुनाई पीड़ा, मिला आश्वासन
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320 प्राइवेट कर्मियों को आरटीओ से हटाने का मामला
कर्मचारियों से अफसरों के बाबत भी हुई पूछताछ
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ सहित प्रदेशभर के आरटीओ, एआरटीओ से 320 कर्मचारियों को हटाने का मामला सोमवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय पहुंचा। प्राइवेट कर्मियों ने परिवहन आयुक्त से न्याय की गुहार लगाई। साथ ही आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी के आरोपों की जांच करवाने का आग्रह भी किया, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मामला परिवहन विभाग का है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से लेकर बायोमेट्रिक तथा नए डीएल की प्रिंटिंग व उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी के पास है। लखनऊ में 28 व प्रदेशभर में 320 कर्मचारियों से यह काम करवाया जाता है। विभागीय अफसरों ने कंपनी के कर्मचारियों को हटाने के लिए जोर लगा दिया है। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ(प्रशासन) संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त किंजल सिंह को पत्र लिखकर कर्मचारियों को हटाने की बात कही है। उन्होंने दलील दी कि कर्मचारी पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर तैनात है, जिसकी वजह से उनकी दलालों से सांठगांठ हो गई है। ऐसे में नाराज कर्मचारियों ने सोमवार को परिवहन आयुक्त किंजल सिंह से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उन्होंने इस बाबत अपना ज्ञापन भी सौंपा, जिस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। कर्मचारियों ने बताया कि उन पर दलालों से मिलीभगत के आरोप हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि इतने वर्षों तक वह आरटीओ में कार्य कैसे करते रहे। उन्होंने परिवहन आयुक्त से जांच करवाने की मांग की, ताकि आरोपों की पड़ताल हो सके। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें मामूली तनख्वाह मिलती है। ऐसे में उन्हें हटा दिए जाने से आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
चिट्ठी से मातहत ही नाखुश
लखनऊ संभाग में सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली जिले भी आते हैं। आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी की ओर से परिवहन आयुक्त को लिखे गए पत्र को लेकर जिलों में तैनात अफसर एकमत नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि अफसर चिट्ठी से नाखुश हैं। उनका कहना है कि उनके यहां प्राइवेट कर्मियों के भरोसे बेहतर काम हो रहा है। ऐसे में उन्हें हटाने से कामकाज बाधित हो जाएगा।
आरटीओ खुद लगा रहे दलाली पर मुहर
परिवहन आयुक्त कार्यालय के आला अफसरों में इस बात को लेकर चर्चाएं आम हैं कि ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी पत्र में खुद इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि प्राइवेट कर्मियों की दलालों से मिलीभगत है। ऐसे में इस पर अंकुश लगाने के लिए कुछ किया क्यों नहीं। अगर कार्रवाइयां होती रही हैं तो ऐसी नौबत ही क्यों पैदा हुई।
कर्मचारियों से अफसरों के बाबत भी हुई पूछताछ
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ सहित प्रदेशभर के आरटीओ, एआरटीओ से 320 कर्मचारियों को हटाने का मामला सोमवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय पहुंचा। प्राइवेट कर्मियों ने परिवहन आयुक्त से न्याय की गुहार लगाई। साथ ही आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी के आरोपों की जांच करवाने का आग्रह भी किया, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मामला परिवहन विभाग का है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से लेकर बायोमेट्रिक तथा नए डीएल की प्रिंटिंग व उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी के पास है। लखनऊ में 28 व प्रदेशभर में 320 कर्मचारियों से यह काम करवाया जाता है। विभागीय अफसरों ने कंपनी के कर्मचारियों को हटाने के लिए जोर लगा दिया है। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ(प्रशासन) संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त किंजल सिंह को पत्र लिखकर कर्मचारियों को हटाने की बात कही है। उन्होंने दलील दी कि कर्मचारी पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर तैनात है, जिसकी वजह से उनकी दलालों से सांठगांठ हो गई है। ऐसे में नाराज कर्मचारियों ने सोमवार को परिवहन आयुक्त किंजल सिंह से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उन्होंने इस बाबत अपना ज्ञापन भी सौंपा, जिस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। कर्मचारियों ने बताया कि उन पर दलालों से मिलीभगत के आरोप हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि इतने वर्षों तक वह आरटीओ में कार्य कैसे करते रहे। उन्होंने परिवहन आयुक्त से जांच करवाने की मांग की, ताकि आरोपों की पड़ताल हो सके। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें मामूली तनख्वाह मिलती है। ऐसे में उन्हें हटा दिए जाने से आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
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चिट्ठी से मातहत ही नाखुश
लखनऊ संभाग में सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली जिले भी आते हैं। आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी की ओर से परिवहन आयुक्त को लिखे गए पत्र को लेकर जिलों में तैनात अफसर एकमत नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि अफसर चिट्ठी से नाखुश हैं। उनका कहना है कि उनके यहां प्राइवेट कर्मियों के भरोसे बेहतर काम हो रहा है। ऐसे में उन्हें हटाने से कामकाज बाधित हो जाएगा।
आरटीओ खुद लगा रहे दलाली पर मुहर
परिवहन आयुक्त कार्यालय के आला अफसरों में इस बात को लेकर चर्चाएं आम हैं कि ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी पत्र में खुद इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि प्राइवेट कर्मियों की दलालों से मिलीभगत है। ऐसे में इस पर अंकुश लगाने के लिए कुछ किया क्यों नहीं। अगर कार्रवाइयां होती रही हैं तो ऐसी नौबत ही क्यों पैदा हुई।