यूपी: आकाश आनंद के बाद अब उनके ससुर भी लौटे बसपा में, इसलिए मायावाती ने दे दी माफी; जानिए इन पत्रों का मतलब
Ashok Siddharth return to BSP: आकाश आनंद के ससुर और पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ की बसपा में एक बार फिर से वापसी हो गई है। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर पत्र लिखकर माफी मांगी थी।

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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ द्वारा माफी मांगने पर उन्हें पार्टी में वापस ले लिया है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो से पार्टी में वापस लेने का अनुरोध भी किया है। शनिवार को पहले पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट अशोक सिद्धार्थ का माफीनामा जारी किया, थोड़ी देर बाद मायावती द्वारा उनका निष्कासन वापस लेने की जानकारी दे दी गई।

बता दें कि मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को कुछ माह पहले पार्टी से बाहर कर दिया था। बाद में आकाश द्वारा माफी मांगने पर उन्हें वापस लेने क साथ चीफ नेशनल कोआर्डिनेटर और बाद में राष्ट्रीय संयोजक बना दिया था। आकाश की तरह अशोक सिद्धार्थ ने भी मायावती से शनिवार को माफी मांगी।
फर्रुखाबाद निवासी बसपा के पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा कि 'पार्टी का कार्य करने के दौरान 'जाने-अनजाने' तथा गलत लोगों के बहकावे में आकर मुझसे जो भी गलतियां हुई हैं, उसके लिए बसपा सुप्रीमो से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।' उन्होंने मायावती से उन्हें माफ करने का अनुरोध करते हुए लिखा कि वह फिर कभी गलती नहीं करेंगे। हमेशा पार्टी अनुशासन में रहकर कार्य करेंगे। रिश्तेदारी का कभी कोई नाजायज फायदा नहीं उठाएंगे। किसी की सिफारिश नहीं करेंगे। वह महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप ताजने व फिरोजाबाद निवासी हेमंत प्रताप या फिर यूपी के जिन भी गलत लोगों को पार्टी से निकाला गया है, उनको वापस लेने के लिए कभी सिफारिश नहीं करेंगे।
लगातार कर रहे थे पश्चाताप

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कई ज़िम्मेदार पदों पर वर्षों तक कार्यरत रहे पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने पर कुछ माह पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने आज सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती की माफी मांगी है तथा आगे वफादार रहकर पार्टी मूवमेंट को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। उन्हें अपनी गलती का एहसास बहुत पहले हो चुका था। वह लगातार पश्चाताप भी कर रहे थे। आज सार्वजनिक तौर पर पछतावा करने पर पार्टी हित में उन्हें एक मौका दिया जाना उचित समझा गया है। उम्मीद है कि पार्टी के अन्य सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की तरह वह भी पूरे तन, मन, धन से पार्टी व मूवमेंट को आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान देंगे।
दक्षिण के राज्यों के प्रभारी थे
मायावती ने बीती 12 फरवरी को दक्षिण के राज्यों के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ पर पार्टी को पूरे देश में दो गुटों में बांटकर कमजोर करने का आरोप लगाने के बाद निष्कासित कर दिया था। साथ ही आकाश का राजनीतिक कैरियर तबाह करने की बात भी बोली थी। मायावती ने कहा था कि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर निकालने के बाद यह देखना होगा कि उनकी लड़की यानी आकाश आनंद की पत्नी प्रज्ञा पर इसका क्या असर पड़ता है और यह भी देखना होगा कि पत्नी का प्रभाव आकाश पर कितना पड़ता है। आकाश आनंद के ख़िलाफ़ जो कार्रवाई की गई है, उसकी ज़िम्मेदारी उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की है।