UP: नेपाल से पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंच रहा चीन का सोना, एक किलो में 13.50 लाख का मुनाफा कमा रहे स्मगलर
नेपाल से लगते उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती से चल रहीं अवैध बसों व ट्रेवलर को तस्करों ने सोना तस्करी का माध्यम बना लिया है। शाम सात बजे से ही पंजाब, गुजरात, राजस्थान, हैदराबाद, शिमला व गोवा के लिए अवैध वाहन रवाना होने लगते हैं।

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सोना तस्करी बढ़ेगी तो मनी एक्सचेंज में कमीशन (बट्टा) बढ़ेगा। तस्करी घटी तो कमीशन उसी के साथ घटेगा। अभी बट्टा शून्य है। मसलन, पुरातन फार्मूले के तहत तस्करी नहीं हो रही है। जानकारों के अनुसार होनी भी नहीं चाहिए। ऐसा बिलकुल नहीं है। सोने की तस्करी के तिलिस्म का यह राज आंख में धूल झोंकने वाला है। तस्करी हो रही है। बस तरीका बदला है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बिहार में डीआरआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद ट्रेनों से हो रही तस्करी रुकी तो तस्करों ने अब उत्तर प्रदेश से लगती सीमा का रुख किया है और अवैध बसों व ट्रेवलर को माध्यम बनाया है।

चीन से सोना नेपाल और नेपाल से भारत होते हुए पंजाब में पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंच रहा है। तस्करों को मदद मिल रही है महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती से पर्यटक परमिट के नाम पर चलने वाली अवैध निजी बसों और ट्रेवलर से। सुरक्षा एजेंसियों की इस रिपोर्ट के आधार पर हम बृहस्पतिवार को नेपाल से सटे बहराइच जिले के रुपईडीहा कस्बे में पहुंचे। देर शाम सात बजे। हल्की चहल-पहल रही। संवेदनशील कस्बे में सुरक्षा के नाम पर आईसीपी के पास बस दो सिपाही नजर आए। यहां एक-दो नहीं...पुलिस स्टेशन के आसपास ही आठ अवैध स्टैंड मिले। पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात, राजस्थान, हैदराबाद व गोवा के लिए बसें और ट्रेवलर निकलनी शुरू हो गईं। हम भी चंडीगढ़ नंबर की एक ट्रेवलर में सवार हुए जो दिल्ली जा रही थी।
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इस दौरान हमें जो दिखा वह चौंकाने वाला रहा। 26 शीटर ट्रेवलर में 35 लोग सवार थे। इनमें 12 नेपाली युवतियां थीं। ट्रेवलर में कौन सवार हो रहा है। डिकी में क्या सामान रखा है, यह जांचने वाला कोई नहीं दिखा। बॉर्डर से सटे सिंह साहब के इस अवैध स्टैंड में नेपाल से कुछ लोग तो मुख्य गेट से इतर अवैध रास्तों से भी आते दिखे। सवारियों को लेकर ट्रेवलर तेज गति से आगे बढ़ा। इस बीच नानपारा, मिहिंपुरवा व परसा में सिपाहियों ने तेज टार्च की रोशनी चालक की तरफ दिखाई। चालक ने झट से मुट्ठी बढ़ाई और आगे निकल गया। लखीमपुर खीरी में सेवखा के पास एक ढाबे पर चाय पीने के बहाने हम वहीं रुके।
नेपाल सीमा पर तैनात रहे पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि बॉर्डर से सटे कस्बों से अवैध बसों व ट्रेवलर का संचालन सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। तस्करी में इनकी संलिप्तता पहले भी उजागर हो चुकी है। अभी ये तस्करी का सोना नेपाल के रास्ते कोलकाता, जयपुर, दिल्ली, आगरा, कानपुर, लखनऊ और गोरखपुर भी पहुंचा रहे हैं।
एक किलो में 13.50 लाख का मुनाफा
सिद्धार्थनगर के ककरहवा बॉर्डर पर सक्रिय असगर ने बताया कि चीन में इस समय 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 84 हजार रुपये है। भारत की बात करें तो 24 कैरेट सोना 98594 रुपये है। 10 ग्राम चीन का सोना नेपाल के रास्ते भारत लाने पर औसत बचत 14,448 रुपये की हो रही है। इसे किलो में तब्दील करें तो यह अंतर बढ़कर 14.48 लाख रुपये हो जाता है। प्रति किलो एक लाख खर्च निकाल दें तो करीब 13.50 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। यही कारण है कि चीन का सोना नेपाल होते हुए भारत के लुधियाना, गोवा और चंडीगढ़ तक पहुंच रहा है।
और यह भी: नेपाल गोल्ड एंड सिल्वर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अनुसार वजन के खेल में भी तस्कर चांदी काट रहे हैं। भारत में एक तोला सोना का वजन 10 ग्राम है तो नेपाल में यह 11.664 ग्राम। इस 1.664 ग्राम का लाभ भी तस्कर उठाते हैं।
यह तो बस उदाहरण है
डीआरआई ने 10 मई 2025 को मुंबई निवासी हितेश, राजेश कुमार और विजय कुमार के पास से 18 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया। तीनों बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन से ट्रॉली बैग में कपड़ों के अंदर सोना छिपाकर ले जा रहे थे। यह सोना हांगकांग से नेपाल पहुंचा और फिर वहां से नेपाल होते हुए बिहार लाया गया। मुंबई में इसे सोने को पिघलाकर राजस्थान के कोटा में आभूषण तैयार किया जाना था। इसके बाद उसे पंजाब, हिमाचल व लखनऊ के अलग-अलग व्यापारियों को बेचना था।
आंकड़ों का हाल
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अनुसार भारत में वित्तीय वर्ष 2024 में 4,869.6 किलोग्राम तस्करी का सोना जब्त किया गया। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल से हर साल करीब 10 टन सोने की तस्करी भारत में की जाती है। तस्करी के सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी होती है। इसकी बाजार में शुद्धता उच्चतम स्तर पर मानी जाती है।