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यूपी: यूरिया और डिटर्जेंट मिलाकर बन रहा है नकली पनीर चमकाने के लिए हो रहे टिनोपाल का प्रयोग

चंद्रभान यादव, अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Wed, 15 Oct 2025 07:03 AM IST
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सार

Fake paneer in UP: कहीं आप दिवाली के सीजन में नकली पनीर तो नहीं खा रहे हैं। त्योहार के सीजन पर पूरे प्रदेश में यूरिया से बना हुआ नकली पनीर बिक रहा है। 

UP: Fake paneer is being made by mixing urea and detergent, and Tinopal is being used for polishing; investiga
यूपी में बिक रहा नकली पनीर। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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प्रदेश में धड़ल्ले से यूरिया, डिटर्जेंट मिलाकर नकली पनीर बनाई जा रही है। इसे चमकदार बनाने के लिए टिनोपाल और आला का प्रयोग किया जा रहा है, जो पनीर की विषाक्तता को बढा दे रहा है। इस पनीर को बनाने का सलीका राजस्थान से आए कारीगर सीखा रहे हैं। एफएसडीए ने इन कारीगरों की धर पकड़ के लिए पुलिस से मदद मांगी है। डॉक्टरों का कहना है कि यह पनीर लोगों को कई तरह की बीमारियां दे रहा है।

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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की ओर से पनीर, खोवा एवं उससे बनी मिठाइयों की जांच कराई जा रही है। जांच अभियान आठ अक्तूबर से शुरू हुआ है, जो 17 अक्तूबर तक चलेगा। इस बीच करीब डेढ़ करोड़ की पनीर, खोवा व अन्य सामग्री नष्ट कराई गई है। नोएडा, हापुड़, मेरठ, आगरा, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर सहित विभिन्न जिलों में पकड़ी गई नकली पनीर के मामले में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एफएसडीए के अधिकारियों ने बताया कि नकली पनीर में दूध के बजाय पाम ऑयल, डिटर्जेंट, यूरिया, और सिंथेटिक केमिकल मिलाए जाते हैं। 
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इससे पनीर का रंग हल्का धुंधला हो जाता है। इसे चमकदार बनाने के लिए इस बार उसमें टिनोपाल और आला की भी मिलावट मिली है। टिनोपाल कपड़ों और डिटर्जेंट के लिए औद्योगिक ग्रेड आप्टिकल ब्राइटनिंग एजेंट है। यह रासायनिक यौगिक है, जो कपड़ों की सफेदी निखारता और कपड़े चमकदार दिखाई देने लगते हैं। इसी तरह आला भी रासायनिक है, जो सिंथेटिक कपड़ों की सफाई, धुलाई और ब्लीचिंग के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। संयुक्त आयुक्त (खाद्य) हरिशंकर सिंह ने बताया कि नकली पनीर बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बाहर से आने वाले कारीगरों को पकड़ना मुश्किल हो रहा है। नकली पनीर, खोवा व अन्य सामग्री को तत्काल नष्ट कराया जा रहा है। पुलिस की भी मदद ली जा रही है।

राजस्थान से आया टिनोपाल का ट्रेंड

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नकली पनीर के केस पहले भी मिलते थे, लेकिन इस बार चमक बढ़ाने के लिए टिनोपाल और आला मिलाने का मामला सामने आया है। वजन बढ़ाने के लिए खड़िया मिट्टी भी मिला रहे हैं। यह ट्रेंड राजस्थान के अलवर व आसपास के जिले से आए कारीगर ले आए हैं। विभिन्न स्थानों पर पनीर की जांच और पकड़े गए लोगों से इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। राजस्थान से आए कारीगर किसी एक जिले में रात के वक्त पनीर तैयार करते हैं और सुबह उसे मंडी में भेजने के बाद संबंधित स्थान से फरार हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें पकड़ना भी मुश्किल है। राजस्थान की सीमा से लगे जिलों में विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही पुलिस से भी मदद मांगी गई है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

इन दिनों बाजार का पनीर खाना खतरनाक है। यह शरीर के लिए धीमे जहर का काम करता है। यूरिया, डिटर्जेंट, आला और टिनोपाल आहार नली से आंतों में पहुंचते हैं। यह रासायनिक तत्व खून में मिलते हैं। टॉक्सिन्स बढ़ेगा। लिवर और किडनी को फिल्टर करने में दिक्कत होगी और फिर उनके फेल होने का खतरा रहता है। लिवर, किडनी और पाचन तंत्र को क्षति पहुंचाती है। इसकी वजह से कैंसर जैसा घातक रोगों भी हो सकता है। शुरुआती दौर में पेट में दर्द, अपच, एलर्जी, उल्टी- दस्त जैसे लक्षण आते हैं। ट्रांस फैट से दिल को खतरा रहता है। क्योंकि हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल आयल नसों को ब्लॉक कर देता है।- डा. सुमित रूंगटा, विभागाध्यक्ष गैस्ट्रोलॉजी केजीएमयू।

कैसे पहचाने नकली और असली

असली पनीर मुलायम, दूधिया महक वाला होता है और पानी में तैरता है, जबकि नकली पनीर सख्त, रबड़ जैसा, केमिकल गंध वाला और पानी में डूबने वाला होता है। नकली पनीर को हाथ से रकड़ने पर रबर जैसा और बहुत चिपचिपा दिखेगा। दबाने पर यह प्लास्टिक की तरह उछलता है। गर्म पानी में डालने पर यह घुलने लगता है और टूट जाता है। कई बार सतह पर तेल या चिपचिपी परत छोड़ सकता है। असली पनीर पर आयोडीन टिंचर डाला जाए तो यह रंग नहीं बदलता है, जबकि नकली पनीर में स्टार्च होने की वजह से नीला या काला हो जाता है।- हरिशंकर सिंह, संयुक्त आयुक्त (खाद्य) एफएसडीए।

मिलावटी उत्पाद की तत्काल सूचना दें

मिलावट का कारोबार खत्म करने के लिए विभाग ने जांच अभियान शुरू किया है। सप्ताहभर में बड़ी मात्रा में पनीर व अन्य सामग्री नष्ट कराई गई है। जुर्माना लगाया गया है। फिर भी खाद्य पदार्थों में मिलावट, नकली उत्पादों के निर्माण अथवा विक्रय, संगठित रूप में मिलावट की सूचना वाट्सएप नंबर 9793429747 पर दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।- डा. रोशन जैकब, आयुक्त, एफएसडीए
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