यूपी: कृषि नीति में होगा बड़ा बदलाव, अब प्रदेश में खुलेंगी निजी किसान मंडियां; इन शहरों से होगी शुरुआत
Farmers Market in UP: यूपी के किसानों को अब उनकी फसल की ज्यादा कीमत मिलेगी। सरकार अब भविष्य में निजी मंडियों की स्थापना करने जा रही है।
विस्तार
प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का ज्यादा मूल्य दिलाने की नई रणनीति बनाई गई है। इसके तहत निजी क्षेत्र की मंडियों की स्थापना के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाएगा। जमीन का क्षेत्रफल घटाने के साथ ही प्रतिभूति रकम, परियोजना लागत भी कम करने की तैयारी है। आधारभूत सुविधाओं के विस्तार में सरकार कई तरह की सहूलियतें दे सकती है।
दरअसल, बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र में मंडियों की स्थापना पर जोर दे रही है। इसके लिए 2019 में उप्र. कृषि उत्पादन मंडी (21वां) संशोधन नियमावली भी बनाई गई है। इसके तहत 17 प्रमुख नगरों में लाइसेंस शुल्क दो लाख रुपये व अन्य स्थानों पर शुल्क एक लाख रुपये रखा गया। लेकिन निजी निवेशकर्ता आगे नहीं आए। इसे देखते हुए कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग अन्य राज्यों में स्थापित निजी मंडियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करा रहा है।
निजी क्षेत्र में मंडी स्थापना के लिए अभी बड़े शहरों के लिए परियोजना लागत 10 करोड़ और दो हेक्टेयर भूमि का मानक है लेकिन इतनी जमीन शहरी इलाके में नहीं मिल पा रही है। प्रतिभूति राशि भी ज्यादा है। इसे देखते हुए अब जमीन और प्रतिभूति राशि के मानक में भी कटौती की तैयारी है। सरकार भी निवेशकों को कई तरह सुविधाएं देने पर विचार कर रही है। निजी मंडी स्थल पर नीलामी हॉल, शेड्स, दुकानें, गोदाम, भंडारण, कैंटीन, प्रयोगशाला, पैकेजिंग, लोडिंग एवं अनलोडिंग स्थल, पेजयल, सड़क सहित कई तरह की व्यवस्थाएं जरूरी होती हैं। इसमें भूमि हस्तांतरण के दौरान स्टांप, बिजली, पेयजल आदि की सुविधाएं सरकार की ओर से देने पर विचार चल रहा है। बता दें, प्रदेश में अभी 249 विनियमित मंडियां और 356 उप मंडियां हैं।
इन शहरों में स्थापना का प्रस्ताव
10 करोड़ परियोजना लागत वाले स्थलों में आगरा, लखनऊ, कानपुर, बरेली, बाराबंकी, वाराणसी, ललितपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, लखीमपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मुरादाबाद और सहारनपुर शामिल है। पांच करोड़ की परियोजना में जिला मुख्यालय व अन्य स्थल हैं। विभाग को लागत मूल्य कम करने और नियमों में छूट देने से इस क्षेत्र में निजी निवेशकों के आने की उम्मीद है।
बाजार में प्रतिस्पर्धा जरूरी
ज्यादा मुनाफा दिलाने की कोशिश
किसानों को ज्यादा मुनाफा दिलाने के प्रयास लगातार जारी हैं। सरकारी मंडियों में पहले की अपेक्षा सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। निजी क्षेत्र की मंडियां खुलने से किसानों को फायदा मिलेगा। उसे जहां ज्यादा सुविधाएं और भाव मिलेगा वह वहां अपनी उपज बेच सकेगा। जहां सरकारी मंडियां नहीं हैं वहां निजी क्षेत्र की मंडियां खुलने से किसानों को उनके घर के आसपास ही विपणन की सुविधा मिल सकेगी।- रविंद्र, प्रमुख सचिव कृषि