यूपी: सपा ने पंचायत चुनावों के लिए बनाई खास योजना, छोटे दलों के साथ क्षेत्रवार रणनीति पर होगा फोकस
UP Panchayat elections: प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सपा अभी से रणनीति बनाने में जुट गई है। इस बार वह क्षेत्रीय छोटे दलों को अपने साथ जोड़ने का काम करेगी।

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सपा अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को आगामी विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए काम कर रही है। उसने अलग-अलग जिलों में काम कर रहे छोटे संगठनों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को विभिन्न संगठनों के 65 से अधिक प्रतिनिधियों से लखनऊ में मुलाकात की।

सभी नेताओं ने एक स्वर में उत्तर प्रदेश में पीडीए सरकार बनाने के लिए 2027 के विधानसभा चुनाव में बिना शर्त समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी और अपनी जिंदगी-अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरजीत सिंह खंडसाल के नेतृत्व में आए सभी नेता अलग-अलग जिलों में अपने संगठन चलाते है। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने संस्थानों और संसाधनों पर कब्जा कर लिया है। भाजपा के झूठ की सीमा नहीं है। इस सरकार में किसी को भी न्याय नहीं मिल रहा है। भाजपा लोगों के अधिकार छीन रही है। सपा सरकार में सभी की भागीदारी रहेगी। सभी को न्याय और सम्मान मिलेगा। प्रदेश में अवरूद्ध हुए विकास के कार्य फिर से शुरू किए जाएंगे।
इस मौके पर अपनी जिंदगी अपना दल, गाजियाबाद के उपाध्यक्ष सतीश, राष्ट्र उदय पार्टी कानपुर के प्रदेश अध्यक्ष राम आसरे पाल, भारतीय मानव समाज पार्टी के केवट रामधनी बिंद, पिछड़ा दलित विकास महासंघ देवशरण यादव, गांधीयन पीपुल्स पार्टी लखनऊ के जीपी जायसवाल आदि प्रमुख थे।
सपा मुख्यालय पर सूफी संत वारिस अली शाह की याद में कार्यक्रम
प्रदेश सपा मुख्यालय पर शनिवार को सूफी संत हजरत हाजी वारिस अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की शिक्षाओं और गंगा-जमुनी तहजीब को समर्पित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम रंग-ए-वॉरिस का आयोजन किया गया। आयोजन सूफी सेवा फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन सैयद हिलाल मुजीवी रज्जाकी ने किया। मुख्य अतिथि व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हाजी वारिस अली शाह का पैगाम मजहबी एकता, इंसानियत और मोहब्बत का है। उनकी गंगा-जमुनी तहजीब आज के दौर में समाज को नई दिशा देने वाली है।