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Anuppur News: अमरकंटक के जंगलों में फैला साल बोरर कीट, दस हजार से अधिक साल के पेड़ क्षतिग्रस्त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अनूपपुर
Published by: अनूपपुर ब्यूरो
Updated Thu, 06 Nov 2025 12:30 PM IST
सार
वन विभाग के सर्वे में यहां मौजूद लगभग 20 लाख साल के पेड़ों में से 10,563 पेड़ इस कीट से प्रभावित पाए गए हैं, जो कुल संख्या का करीब 6.5 प्रतिशत है। वर्ष 1997 में भी इसी तरह का संक्रमण फैलने पर हजारों पेड़ काटकर रोकथाम की गई थी।
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अमरकंटक के जंगल में साल बोरर से प्रभावित वृक्ष।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अमरकंटक के जंगलों में साल के पेड़ गंभीर साल बोरर कीट से ग्रसित पाए गए हैं। साल बोरर कीट एक विनाशकारी कीट है, जो मुख्य रूप से साल के पेड़ों को नुकसान पहुंचाता है, उन्हें खोखला कर देता है। यह कीट साल के पेड़ों के लिए सबसे खतरनाक कीटों में से एक है और यह खड़े पेड़ और ताजी कटी हुई लकड़ी दोनों को प्रभावित करता है। बीते कई महीनों से अमरकंटक के जंगलों में साल बोरर कीड़े का प्रकोप फैला हुआ है। जिसके कारण अमरकंटक के जंगल में स्थित 10 हजार से अधिक साल के पेड़ इससे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
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अमरकंटक के जंगल में स्थित है 20 लाख से अधिक साल के पेड़
अमरकंटक के जंगल में वर्तमान समय में 20 लाख 86 हजार 416 साल के वृक्ष स्थित हैं। साल बोरर कीट से क्षतिग्रस्त पाए गए। पेड़ का सर्वे कार्य भी वन विभाग में पूर्ण कर लिया है। इसमें अभी तक की गणना में 10563 साल के पेड़ में साल बोरर के कीट लगे होने की जानकारी सामने आई है। अमरकंटक के जंगल में स्थित लगभग 6.5 प्रतिशत पेड़ इससे प्रभावित हैं।
1997 में भी अमरकंटक के जंगलों में फैला था साल बोरर
स्थानीय नागरिकों और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1997 में भी अमरकंटक के जंगलों में साल बोरर कीट लग जाने के कारण हजारों साल के पेड़ काटे गए थे, जिससे कि अन्य पेड़ में इसे फैलने से रोका जा सके। वन विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि ठंडी के मौसम में यह कीड़े सबसे ज्यादा तेजी के साथ फैलते हैं। स्थानीय लोगों ने अमरकंटक के जंगल में साल बोरर कीट की वजह से क्षतिग्रस्त हो रहे वृक्ष पर गहरी चिंता जताई है साथ ही अमरकंटक के वन्य क्षेत्र के लिए इसे गंभीर समस्या बताते हुए इस पर जल्द से जल्द वन विभाग के अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।
ये भी पढ़ें- बच्चों के सामने ही मां की हत्या, बेरहम पिता ने डंडे से पीट पीटकर उतारा मौत के घाट
विभाग ने वरिष्ठ कार्यालय को भेजी रिपोर्ट
वन परिक्षेत्र अमरकंटक कार्यालय ने साल बोरर कीट से ग्रसित वृक्ष की गणना करते हुए इसकी जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई है। इसके साथ ही इसके रोकथाम के लिए क्या किया जाए इस पर क्या इंतजाम किए जाए इसके लिए मार्ग दर्शन मांगा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमरकंटक में लाखों की संख्या में साल के पेड़ स्थित है यदि वन विभाग ने जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो अन्य वृक्ष में भी इसके फैलने का खतरा बना हुआ है।
इनका कहना है।
साल बोरर से प्रभावित वृक्ष की गणना करते हुए वरिष्ठ कार्यालय को इसकी जानकारी भेजी गई है और मार्गदर्शन मांगा गया है। काफी संख्या में वृक्ष प्रभावित हैं इसके लिए बजट और संसाधन दोनों की आवश्यकता है।
अमरकंटक के जंगल में वर्तमान समय में 20 लाख 86 हजार 416 साल के वृक्ष स्थित हैं। साल बोरर कीट से क्षतिग्रस्त पाए गए। पेड़ का सर्वे कार्य भी वन विभाग में पूर्ण कर लिया है। इसमें अभी तक की गणना में 10563 साल के पेड़ में साल बोरर के कीट लगे होने की जानकारी सामने आई है। अमरकंटक के जंगल में स्थित लगभग 6.5 प्रतिशत पेड़ इससे प्रभावित हैं।
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1997 में भी अमरकंटक के जंगलों में फैला था साल बोरर
स्थानीय नागरिकों और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1997 में भी अमरकंटक के जंगलों में साल बोरर कीट लग जाने के कारण हजारों साल के पेड़ काटे गए थे, जिससे कि अन्य पेड़ में इसे फैलने से रोका जा सके। वन विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि ठंडी के मौसम में यह कीड़े सबसे ज्यादा तेजी के साथ फैलते हैं। स्थानीय लोगों ने अमरकंटक के जंगल में साल बोरर कीट की वजह से क्षतिग्रस्त हो रहे वृक्ष पर गहरी चिंता जताई है साथ ही अमरकंटक के वन्य क्षेत्र के लिए इसे गंभीर समस्या बताते हुए इस पर जल्द से जल्द वन विभाग के अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।
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विभाग ने वरिष्ठ कार्यालय को भेजी रिपोर्ट
वन परिक्षेत्र अमरकंटक कार्यालय ने साल बोरर कीट से ग्रसित वृक्ष की गणना करते हुए इसकी जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई है। इसके साथ ही इसके रोकथाम के लिए क्या किया जाए इस पर क्या इंतजाम किए जाए इसके लिए मार्ग दर्शन मांगा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमरकंटक में लाखों की संख्या में साल के पेड़ स्थित है यदि वन विभाग ने जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो अन्य वृक्ष में भी इसके फैलने का खतरा बना हुआ है।
इनका कहना है।
साल बोरर से प्रभावित वृक्ष की गणना करते हुए वरिष्ठ कार्यालय को इसकी जानकारी भेजी गई है और मार्गदर्शन मांगा गया है। काफी संख्या में वृक्ष प्रभावित हैं इसके लिए बजट और संसाधन दोनों की आवश्यकता है।