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Betul Coal Mine Collapses: कोयला खदान का 10 मीटर हिस्सा धंसने से कई मजदूर दबे, तीन की मौत, रेस्क्यू जारी
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, बैतूल
Published by: अरविंद कुमार
Updated Thu, 06 Mar 2025 08:48 PM IST
सार
Betul Coal Mine Collapses News: मध्यप्रदेश के बैतूल में कोयला खदान का बड़ा हिस्सा धसने से उसमें काम कर रहे कई मजदूर दब गए। इनमें से तीन मजदूरों की मौत हो गई है। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और अधिकारियों द्वारा हादसे के कारणों की विस्तृत जांच जारी है।
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घटना स्थल पर मौजूद लोग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें कोयला खदान का स्लैब गिरने से उसमें मजदूर दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। अब तक मलबे से तीन मजदूरों को निकाला गया, जिन्हे डॉक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया। डब्ल्यूसीएल, एसडीआरएफ और पुलिस दल की टीम ने रेस्क्यू किया। बैतूल एसपी ने घटना की पुष्टि की है और एसपी खुद भी छतरपुर-1 खदान पहुंच गए हैं।
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हादसा बैतूल की सारणी स्थित बागडोना-छतरपुर खदान में गुरुवार शाम को हुआ, जिसमें खदान की छत धसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें खदान में कार्यरत अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, तीन मजदूरों की मौत की पुष्टि एसपी निश्चल झारिया ने की।
इस हादसे में गोविंद कोसरिया (37 वर्ष) शिफ्ट इंचार्ज, हरिचौहान (46 वर्ष) ओवरमैन, रामदेव पंडोले (49 वर्ष) माइनिंग सरदार की मौत हो गई है। विधायक डॉ. पंडाग्रे और कलेक्टर सूर्यवंशी ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के जीएम को निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को तत्काल लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए। इसके अलावा, एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और लाइफ एनकैशमेंट की राशि भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। घटना के बाद प्रशासन ने माइनिंग सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और अधिकारियों द्वारा हादसे के कारणों की विस्तृत जांच जारी है।
गोविन्द कुमार, सेफ्टी बोर्ड मेंबर का कहना है कि खदान में सीएम मशीन चल रही थी, जिसके बाद बोल्टिंग की जानी थी। उसके पहले किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। उस दौरान दो माइनिंग स्टाफ और एक माइनिंग इंजीनियर किस लिए गए, ये जानकारी नहीं है। क्योंकि सीएम मशीन कटिंग करके आई थी, ये नेग्लिजेंसी है। वहीं, बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी का कहना है कि डब्ल्यूसीएल की खदान छतरपुर-1 में इंस्पेक्शन के दौरान खदान की छत गिर गई, जिसमे तीन लोगों की मौत हो गई। खदान का काम जारी है, मृतकों का पोस्टमॉर्टम हो गया है। पुलिस प्रशासन और डब्ल्यूसीएल के अधिकारी मौजूद हैं। मृतकों के परिवारों को आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी।