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Bhopal: OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा, बोले-मेरे कार्यकाल में बना कानून,BJP का विरोधी रवैया सर्वविदित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sat, 22 Mar 2025 07:59 PM IST
सार
OBC reservation: पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मेरे कार्यकाल में सरकारी भर्तियों में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का क़ानून बनाया गया था। जिसे हर स्तर पर भाजपा सरकार ने लागू होने से रोकने की कोशिश की। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का OBC विरोधी रवैया सर्वविदित है।
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कमल नाथ
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर लगी जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। लंबे समय से मध्य प्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ था। मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में सरकारी भर्तियों में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का क़ानून मार्च 2019 में बनाया गया था। जिसे हर स्तर पर भाजपा सरकार ने लागू होने से रोकने की कोशिश की। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का OBC विरोधी रवैया सर्वविदित है।
भर्तियों में 27% आरक्षण दे सकती थी सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सोशल साइट पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार मौजूदा क़ानून के तहत भर्तियां करने को स्वतंत्र है। उससे स्पष्ट है कि आज की स्थिति तक 27 प्रतिशत OBC रिज़र्वेशन के क़ानून पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस तरह अगर भाजपा चाहती तो पिछले पांच साल से हुई भर्तियों में OBC को 27% आरक्षण दे सकती थी। मैं सरकार से मांग करता हूं कि अब सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण को लागू कराने के लिए पैरवी करे।
यह भी पढ़ें-देश के जनजाति क्षेत्र झाबुआ में 158% बलात्कार के मामले बढ़े, कांग्रेस विधायक बोले- चिंता जनक स्थिति
नेता प्रतिक्ष बोले-सरकार प्रतिबद्धता दिखाए
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इसको लेकर एक्स पर किए गए ट्वीट में कहा है कि अब ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्धता दिखाए। पूर्व सीएम कमलनाथ के कार्यकाल में ही सरकारी भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का क़ानून बनाया गया था। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार मौजूदा कानून के तहत विज्ञापन जारी कर भर्तियां करने को स्वतंत्र है। इसका सीधा मतलब है कि अगर भाजपा चाहती तो पिछले 5 सालों से हुई भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण दे सकती थी लेकिन भाजपा ने अपनी राजनीति के चलते ऐसा होने नहीं दिया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आने के बाद एमपी की बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी है कि ओबीसी आरक्षण को लागू कराने के लिए पैरवी करे।
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भर्तियों में 27% आरक्षण दे सकती थी सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सोशल साइट पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार मौजूदा क़ानून के तहत भर्तियां करने को स्वतंत्र है। उससे स्पष्ट है कि आज की स्थिति तक 27 प्रतिशत OBC रिज़र्वेशन के क़ानून पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस तरह अगर भाजपा चाहती तो पिछले पांच साल से हुई भर्तियों में OBC को 27% आरक्षण दे सकती थी। मैं सरकार से मांग करता हूं कि अब सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण को लागू कराने के लिए पैरवी करे।
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नेता प्रतिक्ष बोले-सरकार प्रतिबद्धता दिखाए
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इसको लेकर एक्स पर किए गए ट्वीट में कहा है कि अब ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्धता दिखाए। पूर्व सीएम कमलनाथ के कार्यकाल में ही सरकारी भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का क़ानून बनाया गया था। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार मौजूदा कानून के तहत विज्ञापन जारी कर भर्तियां करने को स्वतंत्र है। इसका सीधा मतलब है कि अगर भाजपा चाहती तो पिछले 5 सालों से हुई भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण दे सकती थी लेकिन भाजपा ने अपनी राजनीति के चलते ऐसा होने नहीं दिया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आने के बाद एमपी की बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी है कि ओबीसी आरक्षण को लागू कराने के लिए पैरवी करे।