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MP AQI: मध्य प्रदेश में दीपावली पर पटाखों से दमघोंटू हुई हवा, प्रदेश में इंदौर-ग्वालियर का AQI रहा सबसे ज्यादा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Tue, 21 Oct 2025 04:34 PM IST
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सार
मध्यप्रदेश के कई प्रमुख शहरों में दिवाली की रात पटाखों की अधिकता, ठंडी हवा और कम वायु प्रवाह के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। AQI कई घंटों तक बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में बना रहा।

प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दीपावली की रौनक के साथ एक बार फिर वायु गुणवत्ता पर संकट गहरा गया। मध्यप्रदेश के कई प्रमुख शहरों में दिवाली की रात पटाखों की अधिकता, ठंडी हवा और कम वायु प्रवाह के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। राजधानी भोपाल से लेकर इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन तक हवा में प्रदूषकों की मात्रा खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी समस्याएं झेलनी पड़ीं।
इसलिए खराब हुई हवा
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात पटाखों के विस्फोट से निकलने वाले सूक्ष्म कण में भारी वृद्धि देखी गई। इसके साथ ही रात के समय तापमान में गिरावट और वायु गति कम होने से ये प्रदूषक हवा में जमे रह गए और AQI कई घंटों तक बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में बना रहा।
यह भी पढ़ें-आज होगी गोवर्धन पूजा, जानें इसका पौराणिक महत्व और पूजा-विधि; ये है शुभ मुहूर्त
प्रमुख शहरों की स्थिति (दीपावली रात के AQI आंकड़े)
शहर AQI स्तर (लगभग)
ग्वालियर 410
इंदौर 370
सागर 341
भोपाल 329
उज्जैन 320
जबलपुर 349
यह भी पढ़ें-चक्रवाती सिस्टम से बदलेगा प्रदेश का मौसम, 24 अक्तूबर तक हल्की बारिश और गरज-चमक के आसार
स्वास्थ्य पर पड़ता है गहरा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जब AQI 300 के पार पहुंचता है, तो वह बहुत खराब श्रेणी में आता है। ऐसे में हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। र्यावरण विशेषज्ञ कहते हैं कि यह समय सिर्फ उत्सव मनाने का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से पेश आने का है। हर साल दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता गिरती है, और इसका असर आने वाले हफ्तों तक रहता है। समाज को मिलकर प्रदूषण रोकने की दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे।मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस साल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अपील की थी, लेकिन इसका व्यापक असर देखने को नहीं मिला। आने वाले समय में सख्त निगरानी और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है, ताकि हवा में जहर घुलने से रोका जा सके।

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इसलिए खराब हुई हवा
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात पटाखों के विस्फोट से निकलने वाले सूक्ष्म कण में भारी वृद्धि देखी गई। इसके साथ ही रात के समय तापमान में गिरावट और वायु गति कम होने से ये प्रदूषक हवा में जमे रह गए और AQI कई घंटों तक बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में बना रहा।
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शहर AQI स्तर (लगभग)
ग्वालियर 410
इंदौर 370
सागर 341
भोपाल 329
उज्जैन 320
जबलपुर 349
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स्वास्थ्य पर पड़ता है गहरा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जब AQI 300 के पार पहुंचता है, तो वह बहुत खराब श्रेणी में आता है। ऐसे में हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। र्यावरण विशेषज्ञ कहते हैं कि यह समय सिर्फ उत्सव मनाने का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से पेश आने का है। हर साल दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता गिरती है, और इसका असर आने वाले हफ्तों तक रहता है। समाज को मिलकर प्रदूषण रोकने की दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे।मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस साल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अपील की थी, लेकिन इसका व्यापक असर देखने को नहीं मिला। आने वाले समय में सख्त निगरानी और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है, ताकि हवा में जहर घुलने से रोका जा सके।