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Govardhan Puja 2025: आज होगी गोवर्धन पूजा, जानें इसका पौराणिक महत्व और पूजा-विधि; ये है शुभ मुहूर्त

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Tue, 21 Oct 2025 09:23 AM IST
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सार

Govardhan Puja 2025 News: दीपावली के तुरंत बाद यानी 21 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा है। प्रकाश के पर्व के बीच इस त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है। तो चलिए आपको बता रहे हैं गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है? इसका पौराणिक महत्व भी बताएंगे। 

Govardhan Puja 2025 Date Annakut Utsav Diwali Festival 6 days Prathipada Tithi pujja Vidhi Aur Shubh muhurat M
Govardhan Puja 2025: - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दीपावली को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। नए उमंग के साथ लोग खुशियों में डूबे हुए हैं। वहीं, आज यानी 21 अक्तूबर का दिन भी काफी खास है। क्योंकि गोवर्धन पूजा है। बता दें, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हर वर्ष गोवर्धन पूजा या अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। चलिए जानते हैं गोवर्धन पूजा से जुड़ी हुई काम की बातें। 
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गोवर्धन पूजा 2025: शुभ तिथि और मुहूर्त
इस वर्ष गोवर्धन पूजा प्रतिपदा तिथि पर मनाई जाएगी। प्रतिपदा की शुरुआत 21 अक्टूबर 2025 की शाम 05:54 बजे से हो रही है और यह अगले दिन 22 अक्टूबर की रात 08:16 बजे तक रहेगी। पं. लक्ष्मीकांत द्विवेदी के अनुासर,  हिंदू धर्म में बड़े पर्व जैसे गोवर्धन पूजा, ‘उदिया तिथि’ (सूर्योदय के अनुसार तिथि) में मनाए जाते हैं। इसलिए इस वर्ष गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर, 2025 को मान्य होगा।
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ये है शुभ मुहूर्त
प्रातःकाल: सुबह 06:26 बजे से 08:42 बजे तक
सायाह्न काल (उत्तम मुहूर्त): दोपहर 03:29 बजे से शाम 05:44 बजे तक
(विशेष: दोपहर का यह मुहूर्त स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग के शुभ संयोग के कारण पूजा-अर्चना के लिए सबसे उत्तम माना गया है।)
गोवर्धन पूजा के इस शुभ अवसर पर अपने घर और आस-पास गोवर्धन या छोटे पाँसों का पूजन कर, भक्ति और सौभाग्य का आनंद उठाया जा सकता है।

गोवर्धन पूजा का पौराणिक महत्व
जब आप मथुरा-वृंदावन की यात्रा में जाते हैं तो सभी लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं। इसी पर्वत की वजह से यह पर्व मनाया जाता है। इसका जुड़ाव सीधे भगवान श्री कृष्ण से है। साथ ही ग्राम भारत के जीवन और गोवंश के महत्व को भी यह दर्शाता है। ब्रजवासियों पर जब संकट आया, इंद्रदेव ने इतनी तेज बारिश की कि बाढ़ का खतरा ब्रजवासियों पर आ गया। तो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी उंगली से पूरा पर्वत उठाकर लोगों को सुरक्षित बचाया। तब से लेकर आज तक प्रतीक स्वरूप गोवर्धन भगवान की

जानें कैसे करें पूजा
गोवर्धन पूजा की सबसे सरल विधि बता रहे हैं। आप सुबह स्नान करके पहले गोबर से गोवर्धन बनाएं। दीपक जलाएं, अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाएं। फूल-माला भी चढ़ाएं। इसके बाद धूप जलाएं। गोवर्धन भगवान का ध्यान करते हुए मंगलकामना करें। गोवंशों की पूजा करके भी आप विशेष पुण्यं लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

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खास होता है अन्नकूट का प्रसाद

गोवर्धन पूजा के दिन मंदिरों में 56 भोग या अन्नकूट तैयार किए जाते हैं, जिसे भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित किया जाता है। भोग का यह प्रसाद काफी खास होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से सालभर अन्न की कभी कमी नहीं होती। घर में धन-धन्य बना रहता है।
 


 
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