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MP News: कांग्रेस के बाद अब एनएसयूआई में घमासान, भोपाल में निजी यूनिवर्सिटी की कार्यकारिणी को किया रद्द
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Tue, 30 Dec 2025 06:30 PM IST
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सार
कांग्रेस के बाद अब छात्र संगठन एनएसयूआई में भी नियुक्तियों को लेकर विवाद सामने आया है। भोपाल के सेज विश्वविद्यालय में घोषित एनएसयूआई कार्यकारिणी को जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने अनाधिकृत और असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। उनका कहना है कि बिना अनुमति और तय प्रक्रिया के कार्यकारिणी जारी की गई।
पीसीसी भोपाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कांग्रेस संगठन के भीतर जारी नियुक्तियों और आंतरिक खींचतान के बाद अब उसका असर छात्र संगठन एनएसयूआई में भी साफ नजर आने लगा है। भोपाल के सेज विश्वविद्यालय में घोषित एनएसयूआई कार्यकारिणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भोपाल जिला एनएसयूआई अध्यक्ष अक्षय तोमर ने इस कार्यकारिणी को अनाधिकृत और असंवैधानिक बताते हुए तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
जिला अध्यक्ष को नहीं दी जानकारी
जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने स्पष्ट किया कि सेज विश्वविद्यालय में एनएसयूआई की जिस कार्यकारिणी की घोषणा की गई, उसकी उन्हें कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी। सोशल मीडिया के जरिए सामने आई इस सूची को उन्होंने संगठनात्मक प्रक्रिया के खिलाफ बताया। उनका कहना है कि संगठन के संविधान के तहत जिला अध्यक्ष की अनुमति और अनुमोदन के बिना किसी भी कार्यकारिणी का गठन वैध नहीं हो सकता।
यह भी पढ़ें-MP में महिलाओं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से होगी कैंसर की स्क्रीनिंग,बनेगा कैंसर रजिस्ट्री बोर्ड
संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन
अपने आदेश में अक्षय तोमर ने कहा कि उक्त कार्यकारिणी के गठन अथवा उसके सार्वजनिक होने से पहले उनसे न तो सहमति ली गई और न ही कोई चर्चा हुई। यह न केवल संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। उन्होंने दो टूक कहा कि एनएसयूआई में मनमाने फैसलों के लिए कोई जगह नहीं है।
यह भी पढ़ें-सेलिब्रेशन के लिए भोपाल के होटल तैयार, म्यूजिक, डांस और लजीज व्यंजनों से सजेगी साल की आखिरी रात
छात्र राजनीति में हलचल तेज
कांग्रेस के बाद अब एनएसयूआई में सामने आया यह विवाद संगठन के भीतर गहराते मतभेदों की ओर इशारा कर रहा है। छात्र संगठन में नियुक्तियों को लेकर उठे इस सवाल ने नेतृत्व और समन्वय की स्थिति को भी उजागर कर दिया है। जिला अध्यक्ष ने संगठन की मर्यादा और संविधान का हवाला देते हुए सेज विश्वविद्यालय की तथाकथित एनएसयूआई कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से निरस्त घोषित किया है। इस फैसले के बाद छात्र राजनीति में हलचल तेज हो गई है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
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जिला अध्यक्ष को नहीं दी जानकारी
जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने स्पष्ट किया कि सेज विश्वविद्यालय में एनएसयूआई की जिस कार्यकारिणी की घोषणा की गई, उसकी उन्हें कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी। सोशल मीडिया के जरिए सामने आई इस सूची को उन्होंने संगठनात्मक प्रक्रिया के खिलाफ बताया। उनका कहना है कि संगठन के संविधान के तहत जिला अध्यक्ष की अनुमति और अनुमोदन के बिना किसी भी कार्यकारिणी का गठन वैध नहीं हो सकता।
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संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन
अपने आदेश में अक्षय तोमर ने कहा कि उक्त कार्यकारिणी के गठन अथवा उसके सार्वजनिक होने से पहले उनसे न तो सहमति ली गई और न ही कोई चर्चा हुई। यह न केवल संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। उन्होंने दो टूक कहा कि एनएसयूआई में मनमाने फैसलों के लिए कोई जगह नहीं है।
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