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MP News: 12 लाख सरकारी कर्मचारियों को अब भी इंतजार, छह साल से अटकी कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 23 Aug 2025 11:12 AM IST
सार

मध्य प्रदेश के लाखों शासकीय कर्मचारी और उनके परिवारजन पिछले छह वर्षों से कैशलेस इलाज की सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 2019 में योजना की घोषणा के बावजूद अब तक इसे लागू नहीं किया जा सका है।

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MP News: Cashless health facility stuck for six years, 12 lakh government employees still waiting
वल्लभ भवन, भोपाल - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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प्रदेश के लाखों शासकीय कर्मचारी और उनके परिवारजन पिछले 6 वर्षों से कैशलेस इलाज की सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 2019 में तत्कालीन सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया जा सका है। वर्तमान में कर्मचारियों को इलाज के लिए पहले अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है और बाद में विभाग से प्रतिपूर्ति मिलती है। इस प्रक्रिया में समय और आर्थिक दोनों तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने पर कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है, मगर अभी तक फाइलें ही खंगाली जा रही हैं।
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नाथ, शिवराज से लेकर मोहन तक कर चुके हैं वादा 
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्मचारियों को कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन उनकी सरकार चली गई। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को रखा गया, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। हाल ही में मोहन सरकार ने इस मामले में फरवरी 2024 को एक 9 सदस्यीय कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक कार्यक्रम में कर्मचारियों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने और गंभीर बीमारी में 10 लाख रुपये तक का इलाज सुविधा देने की घोषणा की थी। 

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कर्मचारी संगठनों में नाराजगी
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा कि देश के 55 करोड़ लोगों को केंद्र सरकार कैशलेस इलाज उपलब्ध करा रही है। उनसे किसी प्रकार की कोई राशि भी नहीं ली जा रही है। इसी प्रकार से प्रदेश के कर्मचारियों को भी योजना का लाभ मिलना चाहिए। वहीं, जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार पर पहले से ही करीब 756 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ है, जिस कारण योजना को लागू करने में देरी हो रही है। वित्तीय प्रबंधन और बीमा कंपनियों से अनुबंध की प्रक्रिया पूरी न होने तक कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का लाभ नहीं मिलेगा।
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