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लाड़ली बहना योजना: बहनों को मिले 1500 रुपये, सीएम ने किस्त ट्रांसफर की, नहीं बदला योजना का नाम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिवनी
Published by: सिवनी ब्यूरो
Updated Wed, 12 Nov 2025 05:39 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी से राज्यभर की महिलाओं के खातों में 1500 रुपये की बढ़ी हुई किस्त ट्रांसफर की। कयासों को दरकिनार करते हुए योजना का नाम नहीं बदला गया है।
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सीएम ने लाड़ली बहनों को 1500 रुपये की किस्त ट्रांसफर की
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज सिवनी से राज्यभर की महिलाओं के खातों में 1500 रुपये की बढ़ी हुई किस्त ट्रांसफर की। अब तक हितग्राहियों को 1250 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे, हाल ही में कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसमें 250 रुपये की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने एक क्लिक में 1 करोड़ 26 लाख 36 हजार महिलाओं के खातों में कुल 1587 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की।
सीएम बोले- “जीजाजी पैसे तो नहीं ले लेते?”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं से हल्के-फुल्के अंदाज में संवाद किया। उन्होंने एक महिला के पति शिव चंद्रवंशी से मुस्कुराते हुए कहा- “जीजाजी आ गए हैं, आप हमारी बहन को डराते तो नहीं? कहीं पैसे तो नहीं ले लेते उनसे?” इस पर शिव चंद्रवंशी ने हंसते हुए जवाब दिया- “नहीं, मैं एडवोकेट हूं, स्टेशनरी की दुकान भी चलाता हूं, पत्नी मेरी मदद करती हैं।”
सीएम का तंज- “कांग्रेस कहती है पति दारू में पैसा उड़ाते हैं”
मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि बहनों के पति यह पैसा दारू में उड़ाते हैं। इस पर वहां उपस्थित महिलाओं ने जोरदार इंकार किया। सीएम ने मुस्कुराते हुए कहा- देखा, हमारी बहनें कितनी समझदार हैं।
ये भी पढ़ें: MP News: पति का साथ छूटते ही उजड़ गई दुनिया, जीवनयापन के बचे सहारे पंचायती सिस्टम ने छीने, जानें मामला
60 साल की उम्र पूरी होते ही अपात्र होंगी हितग्राही
सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना की पुरानी शर्तें यथावत रहेंगी। 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर हितग्राही अपात्र हो जाएंगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि समग्र आईडी सत्यापन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिससे किसी माह की किस्त में देरी की संभावना नहीं है।
एक महिला से बातचीत के दौरान सीएम ने मजाकिया लहजे में कहा कि जो आप बोल रही हैं, कहीं कलेक्टर ने तो नहीं सिखाया? अगर कलेक्टर ने सिखाया होगा तो सस्पेंड कर दूंगा। महिला ने तुरंत जवाब दिया कि यह मेरे मन की बात है, किसी ने नहीं सिखाया। कार्यक्रम से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का नाम बदलकर ‘देवी सुभद्रा योजना’ कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने पहले भाई दूज कार्यक्रम के दौरान गलती से इस योजना को सुभद्रा योजना कहा था, जिसे बाद में उन्होंने स्वयं सुधार लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त निधि निवेदिता ने भी कहा कि योजना के नाम में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है।
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सीएम बोले- “जीजाजी पैसे तो नहीं ले लेते?”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं से हल्के-फुल्के अंदाज में संवाद किया। उन्होंने एक महिला के पति शिव चंद्रवंशी से मुस्कुराते हुए कहा- “जीजाजी आ गए हैं, आप हमारी बहन को डराते तो नहीं? कहीं पैसे तो नहीं ले लेते उनसे?” इस पर शिव चंद्रवंशी ने हंसते हुए जवाब दिया- “नहीं, मैं एडवोकेट हूं, स्टेशनरी की दुकान भी चलाता हूं, पत्नी मेरी मदद करती हैं।”
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सीएम का तंज- “कांग्रेस कहती है पति दारू में पैसा उड़ाते हैं”
मुख्यमंत्री ने मंच से कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि बहनों के पति यह पैसा दारू में उड़ाते हैं। इस पर वहां उपस्थित महिलाओं ने जोरदार इंकार किया। सीएम ने मुस्कुराते हुए कहा- देखा, हमारी बहनें कितनी समझदार हैं।
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60 साल की उम्र पूरी होते ही अपात्र होंगी हितग्राही
सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना की पुरानी शर्तें यथावत रहेंगी। 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर हितग्राही अपात्र हो जाएंगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि समग्र आईडी सत्यापन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिससे किसी माह की किस्त में देरी की संभावना नहीं है।
एक महिला से बातचीत के दौरान सीएम ने मजाकिया लहजे में कहा कि जो आप बोल रही हैं, कहीं कलेक्टर ने तो नहीं सिखाया? अगर कलेक्टर ने सिखाया होगा तो सस्पेंड कर दूंगा। महिला ने तुरंत जवाब दिया कि यह मेरे मन की बात है, किसी ने नहीं सिखाया। कार्यक्रम से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का नाम बदलकर ‘देवी सुभद्रा योजना’ कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने पहले भाई दूज कार्यक्रम के दौरान गलती से इस योजना को सुभद्रा योजना कहा था, जिसे बाद में उन्होंने स्वयं सुधार लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त निधि निवेदिता ने भी कहा कि योजना के नाम में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है।