{"_id":"691464cafd2270091505d37f","slug":"mp-news-farmers-spend-cold-nights-under-open-sky-as-heavy-paddy-arrivals-choke-local-mandi-2025-11-12","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"MP News: ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर किसान, मंडी में धान की भारी आवक से बढ़ी परेशानी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर किसान, मंडी में धान की भारी आवक से बढ़ी परेशानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रायसेन
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Wed, 12 Nov 2025 04:15 PM IST
सार
तापमान 10 डिग्री से भी कम और खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर किसान। मंडी में धान की उपज लेकर आए किसानों को मंडी समिति की अव्यवस्थाओं का खामियाजा ठंड में ठिठुरते हुए भुगतना पड़ा।
विज्ञापन
1 of 6
खुले में रात बिताने को मजबूर 400 किसान
- फोटो : अमर उजाला
Link Copied
जिले में बीते तीन दिनों से रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच गया है, ऐसे में लगभग 400 किसान खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हो गए। दरअसल ये किसान अपनी धान की उपज लेकर रविवार दिन में ही मंडी पहुंच गए थे, लेकिन नीलामी के लिए उन्हें 25 से 30 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसका मुख्य कारण मंडी में धान की अधिक आवक बताया जा रहा है।
Trending Videos
2 of 6
धान की फसल बेचने मंडी पहुंचे किसान
- फोटो : अमर उजाला
रायसेन में प्रतिदिन लगभग 25 से 30 हजार क्विंटल धान मंडी पहुंच रहा है, जिसके चलते करीब एक हजार ट्रॉलियां दशहरा मैदान में खड़ी हो जाती हैं। व्यापारियों द्वारा नीलामी सुबह 11 बजे से शुरू होती है, फिर दोपहर के भोजन के बाद ढाई से तीन बजे के बीच पुनः आरंभ होती है। अधिक आवक के कारण किसान अपनी ट्रॉलियां पहले से ही मैदान में खड़ी कर देते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 6
प्रतिदिन आ रही है 1000 हजार ट्रालियां
- फोटो : अमर उजाला
बैरसिया तहसील के किसान महेश कुमार भार्गव ने बताया कि वे रविवार को ही अपनी धान की ट्रॉली लेकर दशहरा मैदान पहुंचे थे। ठंडी रात में उन्हें खुले आसमान के नीचे रहना पड़ा, क्योंकि मंडी समिति की ओर से अलाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। ओस और सर्द हवाओं के बीच पूरी रात नींद नहीं आई। किसानों ने बताया कि अपनी सुविधा अनुसार ट्रॉलियां लगाने से कई बार जाम की स्थिति भी बन जाती है। हालांकि इस बार मंडी समिति ने नंबरयुक्त बोर्ड लगाकर व्यवस्था सुधारने की कोशिश की है, ताकि ट्रॉलियों को क्रमबद्ध तरीके से खड़ा किया जा सके।
मंडी प्रशासन की अव्यवस्थाओं को भोगने के लिए मजबूर किसान
- फोटो : अमर उजाला
जिले में इस बार करीब 3 लाख हैक्टेयर में धान की फसल की गई है। अधिक उत्पादन के कारण पिछले कुछ वर्षों से मंडी के पास स्थित दशहरा मैदान को अस्थायी धान नीलामी स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। मंडी की क्षमता केवल 200 ट्रॉलियों की है, जबकि रोजाना 1000 से अधिक ट्रॉलियां यहां पहुंच रही हैं, जिससे अव्यवस्था और भी बढ़ रही है। किसान रातभर खुले आसमान के नीचे नीलामी का इंतजार करते हैं।
विज्ञापन
5 of 6
नीलामी से एक दिन पहले पहुंचने पर ठंड में बितानी पड़ी रात
- फोटो : अमर उजाला
बीदपुरा के किसान बलवंत जाट ने बताया कि किसानों को उनकी लागत के अनुरूप भाव नहीं मिल रहे हैं। रायसेन में मुख्यतः पूसा बासमती, मसूरी, और अन्य तीन-चार वैरायटी की धान की खेती होती है, जिसमें पूसा बासमती की मांग सबसे अधिक है। यह धान देश के कई राज्यों में सप्लाई की जाता है और रायसेन की शान माना जाता है।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।