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MP News: मध्य प्रदेश टमाटर उत्पादन में देश में पहले स्थान पर, सब्जी उत्पादन में तीसरा सबसे बड़ा राज्य
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 27 Aug 2025 03:09 PM IST
सार
मध्य प्रदेश का देश में सब्जी उत्पादन में तीसरा स्थान हैं। वहीं, टमाटर उत्पादन में पहले स्थान हैं। प्रदेश में 2024-25 में एक लाख 27 हजार 740 हैक्टर में टमाटर की खेती की गई है
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टमाटर (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : संवाद
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विस्तार
मध्य प्रदेश सरकार कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई हैं। सरकारी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश का सब्जी उत्पादन में देश में तीसरा स्थान हें। प्रदेश में किसानों द्वारा 12 लाख 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। इनमें सर्वाधिक उत्पादन टमाटर का है। बता दें मध्यप्रदेश टमाटर के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
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चार वर्षों में टमाटर का रकबा बढ़ा
प्रदेश में 2024-25 में एक लाख 27 हजार 740 हैक्टर में टमाटर की खेती की गई है। इसमे 36 लाख 94 हजार 702 मीट्रिक टन का उत्पादन संभावित है। पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में टमाटर के रकबे में 16,776 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 21-22 में प्रदेश में 1,10,964 हेक्टेयर में किसानों द्वारा टमाटर की खेती की गई थी, जो वर्ष 24-25 में बढ़कर 1 लाख 27 हजार 740 हेक्टेयर हो गया है।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में ज्यादा मांग
मध्यप्रदेश के टमाटर की महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बहुत मांग है। किसानों की मेहनत और सरकार की योजनाओं का परिणाम है कि टमाटर का उत्पादन सब्जियों में सर्वाधिक 28.92 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की औसत उत्पादकता 15.02 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों का कुल रकबा 26 लाख 91 हजार हेक्टर में से प्रदेश में किसानों द्वारा 12 लाख 40 हजार हेक्टेयर में 245 लाख 98 मीट्रिक टन सब्जी का उत्पादन कर देश में तीसरे स्थान पर बना हुआ है। सब्जियों फसलों में टमाटर, धनिया और लहसुन के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
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सरकार भी कर रही किसानों की मदद
कुछ वर्षों से किसानों में टमाटर उत्पादन के प्रति आकर्षण बढ़ा है। राज्य सरकार भी टमाटर के बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। टमाटर पर आधारित लघु उद्योगों की संख्या भी बड़ी है। PMFME योजना से किसानों को फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगना आसान हुआ है।
अनूपपुर जिले में सर्वाधिक उत्पादन
अनूपपुर जिले के 15 हजार किसानों ने टमाटर की खेती कर एक लाख 40 हजार मीट्रिक टन टमाटर की रिकॉर्ड पैदावार की है। जिले के तीन प्रमुख क्लस्टर जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ में टमाटर की खेती व्यापक रूप से की जा रही है। इससे लगभग 15,500 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। जिले में हाइब्रिड एवं स्थानीय किस्मों के टमाटर की खेती की जा रही है। अनूपपुर जिले का टमाटर मध्यप्रदेश के शहडोल, रीवा और सतना सहित छत्तीसगढ़ के रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों तक भेजा जा रहा है।
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किसानों को हो रहा डेढ़ से दो लाख का मुनाफा
राज्य सरकार द्वारा बीज ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति पर 50-50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इससे किसानों की लागत कम और उत्पादन के साथ आय बेहतर हुई है। इससे किसानों को बाजार की उपलब्धता के साथ-साथ बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है। किसानों की आय वृद्धि के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर विपणन सुविधा भी उद्यानिकी विभाग द्वारा विकसित की गई है। टमाटर की खेती में प्रति हेक्टेयर 50 से 60 हजार रुपए की लागत आती है। इससे किसानों को डेढ़ से 2 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त हो रहा है। प्रति एकड़ के हिसाब से यह मुनाफा एक लाख रुपए तक पहुंच रहा है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है।
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चार वर्षों में टमाटर का रकबा बढ़ा
प्रदेश में 2024-25 में एक लाख 27 हजार 740 हैक्टर में टमाटर की खेती की गई है। इसमे 36 लाख 94 हजार 702 मीट्रिक टन का उत्पादन संभावित है। पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में टमाटर के रकबे में 16,776 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 21-22 में प्रदेश में 1,10,964 हेक्टेयर में किसानों द्वारा टमाटर की खेती की गई थी, जो वर्ष 24-25 में बढ़कर 1 लाख 27 हजार 740 हेक्टेयर हो गया है।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में ज्यादा मांग
मध्यप्रदेश के टमाटर की महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बहुत मांग है। किसानों की मेहनत और सरकार की योजनाओं का परिणाम है कि टमाटर का उत्पादन सब्जियों में सर्वाधिक 28.92 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की औसत उत्पादकता 15.02 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों का कुल रकबा 26 लाख 91 हजार हेक्टर में से प्रदेश में किसानों द्वारा 12 लाख 40 हजार हेक्टेयर में 245 लाख 98 मीट्रिक टन सब्जी का उत्पादन कर देश में तीसरे स्थान पर बना हुआ है। सब्जियों फसलों में टमाटर, धनिया और लहसुन के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
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सरकार भी कर रही किसानों की मदद
कुछ वर्षों से किसानों में टमाटर उत्पादन के प्रति आकर्षण बढ़ा है। राज्य सरकार भी टमाटर के बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। टमाटर पर आधारित लघु उद्योगों की संख्या भी बड़ी है। PMFME योजना से किसानों को फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगना आसान हुआ है।
अनूपपुर जिले में सर्वाधिक उत्पादन
अनूपपुर जिले के 15 हजार किसानों ने टमाटर की खेती कर एक लाख 40 हजार मीट्रिक टन टमाटर की रिकॉर्ड पैदावार की है। जिले के तीन प्रमुख क्लस्टर जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ में टमाटर की खेती व्यापक रूप से की जा रही है। इससे लगभग 15,500 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। जिले में हाइब्रिड एवं स्थानीय किस्मों के टमाटर की खेती की जा रही है। अनूपपुर जिले का टमाटर मध्यप्रदेश के शहडोल, रीवा और सतना सहित छत्तीसगढ़ के रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों तक भेजा जा रहा है।
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किसानों को हो रहा डेढ़ से दो लाख का मुनाफा
राज्य सरकार द्वारा बीज ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति पर 50-50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इससे किसानों की लागत कम और उत्पादन के साथ आय बेहतर हुई है। इससे किसानों को बाजार की उपलब्धता के साथ-साथ बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है। किसानों की आय वृद्धि के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर विपणन सुविधा भी उद्यानिकी विभाग द्वारा विकसित की गई है। टमाटर की खेती में प्रति हेक्टेयर 50 से 60 हजार रुपए की लागत आती है। इससे किसानों को डेढ़ से 2 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त हो रहा है। प्रति एकड़ के हिसाब से यह मुनाफा एक लाख रुपए तक पहुंच रहा है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है।