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MP Weather: मध्य प्रदेश में बढ़ी सर्दी,10 डिग्री से नीचे आया पारा,कई जिलों में सुबह कोहरा,दिन में भी घुली ठंडक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 07 Nov 2025 06:48 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में ठंड ने अपना असल रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जहां कई जिलों में तापमान 10 डिग्री से नीचे गिर गया है और सुबह कोहरा छाया रहा। अगले पांच दिन तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है। उत्तरी हवाएं लगातार चलने से रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी।
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मौसम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में ठंड ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। शुक्रवार की सुबह कई जिलों में कोहरा छाया रहा और लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दिए। पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी हिस्सों पर साफ दिख रहा है। गुरुवार रात प्रदेशभर में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। राजगढ़ सबसे ठंडा शहर रहा, जहां पारा एक रात में 2 डिग्री गिरकर 9°C पर पहुंच गया। इंदौर में भी ठंड ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और न्यूनतम तापमान 10.3°C दर्ज हुआ। भोपाल में भी रात का तापमान 11°C रहा, जो पिछले एक दशक में सिर्फ पांच बार देखने को मिला है। पचमढ़ी का तापमान 17.4°C दर्ज किया गया।
आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, अगले पांच दिन तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है। उत्तरी हवाएं लगातार चलने से रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को भोपाल में अधिकतम तापमान 28.4, इंदौर में 28.3, ग्वालियर में 28.6, उज्जैन में 29.5 और जबलपुर में 30.7 डिग्री रहा। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा और खरगोन को छोड़कर बाकी अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे ही रहा।
हिमालय की बर्फबारी का असर मैदानों तक
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी से पहाड़ सफेद चादर में लिपट गए हैं। गुलमर्ग, बद्रीनाथ-केदारनाथ, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में सर्दी का असर बढ़ गया है। मध्यप्रदेश में भी तापमान में औसतन 6.1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और आने वाले दिनों में पारा और नीचे जा सकता है।
यह भी पढ़ें-भोपाल में अब दोनों सवारियों को पहनना होगा हेलमेट, नियम तोड़ने पर चालान,पालन करने वालों को मिला सम्मान
उत्तर भारत में दो सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। हालांकि इनका सीधा असर मध्यप्रदेश पर नहीं होगा, लेकिन इनके मिल जाने से ठंडी हवाओं की रफ्तार और बढ़ सकती है।
यह भी पढ़ें-एसआईआर को लेकर कांग्रेस अलर्ट मोड पर, पीसीसी में बनी रणनीति, जिला अध्यक्षों को मिली अहम जिम्मेदारी
कोहरा भी बढ़ेगा
रात और सुबह के समय ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ने लगा है। फिलहाल मंडला में विजिबिलिटी घटकर 1-2 किलोमीटर तक रह गई, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में दृश्यता 2 से 4 किलोमीटर के बीच रही।मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दस वर्षों में नवंबर माह में ठंड और कभी-कभी बारिश का ट्रेंड देखा गया है। इस साल भी यही पैटर्न जारी रहेगा। अक्टूबर में औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 121% अधिक है। 30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान मात्र 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर और नरसिंहपुर में भी पारा 24 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
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आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, अगले पांच दिन तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है। उत्तरी हवाएं लगातार चलने से रात के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को भोपाल में अधिकतम तापमान 28.4, इंदौर में 28.3, ग्वालियर में 28.6, उज्जैन में 29.5 और जबलपुर में 30.7 डिग्री रहा। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा और खरगोन को छोड़कर बाकी अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे ही रहा।
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हिमालय की बर्फबारी का असर मैदानों तक
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी से पहाड़ सफेद चादर में लिपट गए हैं। गुलमर्ग, बद्रीनाथ-केदारनाथ, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में सर्दी का असर बढ़ गया है। मध्यप्रदेश में भी तापमान में औसतन 6.1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और आने वाले दिनों में पारा और नीचे जा सकता है।
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उत्तर भारत में दो सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। हालांकि इनका सीधा असर मध्यप्रदेश पर नहीं होगा, लेकिन इनके मिल जाने से ठंडी हवाओं की रफ्तार और बढ़ सकती है।
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कोहरा भी बढ़ेगा
रात और सुबह के समय ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ने लगा है। फिलहाल मंडला में विजिबिलिटी घटकर 1-2 किलोमीटर तक रह गई, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में दृश्यता 2 से 4 किलोमीटर के बीच रही।मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दस वर्षों में नवंबर माह में ठंड और कभी-कभी बारिश का ट्रेंड देखा गया है। इस साल भी यही पैटर्न जारी रहेगा। अक्टूबर में औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 121% अधिक है। 30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान मात्र 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर और नरसिंहपुर में भी पारा 24 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।