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Dindori News: महुए की खुशबू से मदमस्त हाथी गांव में पहुंचे, घरों को नुकसान पहुंचाया, बैल भी घायल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, डिंडोरी
Published by: डिंडोरी ब्यूरो
Updated Mon, 10 Nov 2025 03:58 PM IST
सार
कल रात महुए की खुशबू से मदमस्त होकर हाथियों का एक झुंड बिलाईखार गांव में घुसकर तबाही मचा दी।
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महुए की खुशबू में मदमस्त हाथियों ने गांव में मचाया आतंक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिले के मोतीनाला वन परिक्षेत्र के ग्राम बिलाईखार में रविवार रात जंगली हाथियों ने आतंक मचा दिया। रातभर चली इस घटना में तीन घर क्षतिग्रस्त हो गए और एक बैल गंभीर रूप से घायल हो गया। फेन अभ्यारण्य क्षेत्र से आए हाथियों के इस झुंड ने गांव में घुसकर तबाही मचा दी, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार शाम के समय हाथियों का झुंड फेन अभ्यारण्य की ओर से गांव की सीमा में दाखिल हुआ। शुरुआत में ग्रामीणों ने मशालें और आवाजें कर उन्हें भगाने की कोशिश की लेकिन हाथियों ने कई घरों पर धावा बोल दिया। पूरी रात हंगामा मचाने के बाद सोमवार सुबह करीब पांच बजे झुंड फिर जंगल की ओर लौट गया।
घटना की सूचना मिलते ही मोतीनाला रेंज और बिछिया वनमंडल की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस भी स्थिति का जायजा लेने पहुंची और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। विभाग ने तत्काल कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा, ताकि किसी तरह की जनहानि न हो।
ये भी पढ़ें: MP News: डिजाइन में खामी या भूल? बनते-बनते बदल गई ओवरब्रिज की दिशा, SDM ने ब्रिज कॉरपोरेशन को दिए जांच के आदेश
डीएफओ प्रीता एस.एम. ने बताया कि हाथी अक्सर महुए की गंध से आकर्षित होकर गांवों की ओर चले आते हैं। ग्रामीण अपने घरों या आंगनों में महुआ संग्रहित करते हैं, जिसकी तेज गंध हाथियों को इधर खींच लाती है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार ऐसे गांवों को अलर्ट पर रखता है और निगरानी टीमों को रात्रि गश्त पर भेजा जाता है।
उन्होंने बताया कि हाथियों द्वारा हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी में तीन घरों को नुकसान पहुंचने और एक पशु के घायल होने की पुष्टि हुई है। प्रभावित परिवारों में माखन सिंह मरावी, दल सिंह मरावी और बबलू भरेवा शामिल हैं। माखन सिंह के पशुशाला को हाथियों ने तोड़ दिया, जिससे अंदर बंधा बैल बुरी तरह घायल हो गया। दल सिंह का एक कमरा पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जबकि दूसरे कमरे की दीवारें फट गईं। बबलू भरेवा के घर की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा ने प्रशासन से दीर्घकालिक समाधान की मांग की है। उन्होंने कहा कि हर साल इस मौसम में वनांचल क्षेत्र के गांवों में हाथियों का आतंक बढ़ जाता है, लेकिन स्थायी रोकथाम के उपाय अब तक नहीं किए गए हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को त्वरित आर्थिक मदद और मकान मरम्मत के लिए सहायता राशि जारी करने की मांग की।
वन विभाग की टीम फिलहाल गांव में डटी हुई है और ड्रोन से क्षेत्र की निगरानी कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाथियों का झुंड दोबारा गांव की तरफ न लौटे। ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे रात के समय सतर्क रहें और खुले में महुआ न रखें।
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घटना की सूचना मिलते ही मोतीनाला रेंज और बिछिया वनमंडल की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस भी स्थिति का जायजा लेने पहुंची और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। विभाग ने तत्काल कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा, ताकि किसी तरह की जनहानि न हो।
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डीएफओ प्रीता एस.एम. ने बताया कि हाथी अक्सर महुए की गंध से आकर्षित होकर गांवों की ओर चले आते हैं। ग्रामीण अपने घरों या आंगनों में महुआ संग्रहित करते हैं, जिसकी तेज गंध हाथियों को इधर खींच लाती है। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार ऐसे गांवों को अलर्ट पर रखता है और निगरानी टीमों को रात्रि गश्त पर भेजा जाता है।
उन्होंने बताया कि हाथियों द्वारा हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी में तीन घरों को नुकसान पहुंचने और एक पशु के घायल होने की पुष्टि हुई है। प्रभावित परिवारों में माखन सिंह मरावी, दल सिंह मरावी और बबलू भरेवा शामिल हैं। माखन सिंह के पशुशाला को हाथियों ने तोड़ दिया, जिससे अंदर बंधा बैल बुरी तरह घायल हो गया। दल सिंह का एक कमरा पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जबकि दूसरे कमरे की दीवारें फट गईं। बबलू भरेवा के घर की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा ने प्रशासन से दीर्घकालिक समाधान की मांग की है। उन्होंने कहा कि हर साल इस मौसम में वनांचल क्षेत्र के गांवों में हाथियों का आतंक बढ़ जाता है, लेकिन स्थायी रोकथाम के उपाय अब तक नहीं किए गए हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को त्वरित आर्थिक मदद और मकान मरम्मत के लिए सहायता राशि जारी करने की मांग की।
वन विभाग की टीम फिलहाल गांव में डटी हुई है और ड्रोन से क्षेत्र की निगरानी कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाथियों का झुंड दोबारा गांव की तरफ न लौटे। ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे रात के समय सतर्क रहें और खुले में महुआ न रखें।