Indore: पीथमपुर में यूका कचरा जलाने का पहला चरण पूरा, तीन दिन में दस टन कचरा आग के हवाले
पीथमपुर के रामकी कंपनी के भस्मक में बीते तीन दिनों से रात दिन जहरीले कचरे का निपटान हो रहा है। दहन कक्ष में 1200 डिग्री और 800 डिग्री का तापमान बरकार रखने के लिए हर घंटे 600 लीटर डीजल की खपत हो रही है।
विस्तार
भोपाल की फैक्टरी से पीथमपुर लाया गए 337 टन यूनियन कार्बाइड कचरे में से दस टन कचरा आग के हवाले कर दिया। इतनी मात्रा के कचरे के निपटान में तीन दिन का समय लगा। इसके साथ ही ट्रायल रन का पहला चरण पूरा हुआ।
अब दूसरा चरण मंगलवार से शुरू होगा, जो तीन दिन तक चलेगा। कचरा जलाने के दौरान निकल रही गैसों की मात्रा, आसपास के वातावरण पर होने वाले असर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर व वैज्ञानिक नजर रखे हुए है। उसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की जाएगी। पहले चरण में किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। इस वजह से तीन चरण पूरे होने के बाद भी कचरा जलाने का काम जारी रहेगा।
पीथमपुर के रामकी कंपनी के भस्मक में बीते तीन दिनों से रात दिन जहरीले कचरे का निपटान हो रहा है। दहन कक्ष में 1200 डिग्री और 800 डिग्री का तापमान बरकार रखने के लिए हर घंटे 600 लीटर डीजल की खपत हो रही है। सोमवार रात तक दस टन कचरे का निपटान हो गया। दस टन कचरे की रिपोर्ट निगरानी कर रहे विशेषज्ञ तैयार कर रहे है। उसे अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।
30 कर्मचारी जुटे है कचरे के निपटान में
कचरे को जलाने के लिए दो शिफ्टों में काम चल रहा है। तीन से ज्यादा कर्मचारी कचरे के निपटान में जुटे है। दस्ताने, मास्क व अन्य सुरक्षा के साथ कर्मचारी कचरे के पैकेट लगातार दहन कक्ष में डाल रहे है। उधर हर घंटे जलाए गए कचरे के दौरान निकल रही गैसों की निगरानी भी रखी जा रही है और उसे नोट भी किया जा रहा है।

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