{"_id":"692694bb8f16989acc0a6ce0","slug":"indore-news-sirpur-talab-lake-ramsar-site-illegal-fishing-river-water-nature-2025-11-26","type":"story","status":"publish","title_hn":"Indore News: सिरपुर तालाब में मछलियां पकड़कर पार्टी हो रही, 62 करोड़ संरक्षण के लिए मांगे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Indore News: सिरपुर तालाब में मछलियां पकड़कर पार्टी हो रही, 62 करोड़ संरक्षण के लिए मांगे
अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
Published by: अर्जुन रिछारिया
Updated Wed, 26 Nov 2025 04:56 PM IST
सार
Indore News: सिरपुर तालाब को वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने के बावजूद वहां भारी लापरवाही बरती जा रही है। सुरक्षा के अभाव में लोग तालाब किनारे अवैध रूप से मछलियां पकड़ रहे हैं और पार्टियां कर रहे हैं। पर्यावरणविदों ने कहा है इसे पर्यटन स्थल न बनाएं।
विज्ञापन
तालाब में लोग मछलियां पकड़कर पार्टियां कर रहे। फोटो- जयेश मालवीय
- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
विज्ञापन
विस्तार
इंदौर में वेटलैंड सिटी और रामसर साइट का गौरव प्राप्त सिरपुर तालाब प्रशासनिक उदासीनता का शिकार हो रहा है। प्रशासन और नगर निगम द्वारा किए जा रहे संरक्षण के दावों के विपरीत जमीनी हकीकत चिंताजनक है। सुरक्षा नदारद होने के कारण लोग यहां अवैध रूप से मछलियां पकड़ रहे हैं और तालाब किनारे पार्टियां कर रहे हैं। मौके पर न तो नगर निगम के सुरक्षाकर्मी दिखाई देते हैं और न ही संरक्षण का दावा करने वाले एनजीओ सक्रिय हैं।
यह भी पढ़ें...
Indore News: इंदौर में शराब की होम डिलीवरी धड़ल्ले से चल रही, टू व्हीलर पर एक लाख की बोतलें पकड़ाई
सिर्फ कागजों तक सीमित प्रयास
इंदौर को वेटलैंड सिटी का दर्जा दिलाने के लिए नौ में से चार मापदंडों को पूरा करने का दावा किया गया था, जिससे शहर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। सिरपुर तालाब को सहेजने के लिए पिछले 13 वर्षों से प्रयास चल रहे हैं। जनवरी 2022 में इसे रामसर साइट का दर्जा मिला और सितंबर 2023 में नगर निगम ने वेटलैंड सिटी के लिए दावा पेश किया। डेढ़ साल बाद इंदौर को यह दर्जा प्राप्त हुआ, लेकिन अब देखरेख के अभाव में यह उपलब्धि खतरे में दिख रही है।
केंद्र सरकार के पास भेजी 62 करोड़ की योजना
सिरपुर तालाब के विकास और संरक्षण के लिए नगर निगम ने 62 करोड़ रुपये की एक विस्तृत कार्ययोजना केंद्र सरकार को भेजी है। इसके अलावा, यशवंत सागर के विकास के लिए भी योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार के माध्यम से इन योजनाओं को केंद्र तक पहुंचाने और राशि स्वीकृत कराने की तैयारी चल रही है, ताकि विकास कार्यों को गति मिल सके।
जैव विविधता का प्रमुख केंद्र
अगस्त 2023 में वेटलैंड सिटी एक्रीडिएशन के तहत तालाब की जैव विविधता का अध्ययन किया गया था। रामसर सम्मेलन के मानकों के आधार पर यहां मछलियों, मेंढकों, सांपों और केंचुओं की विभिन्न प्रजातियों का डाटा जुटाया गया। तालाब के पानी को स्वच्छ रखने और नियमों के पालन के दावे किए गए थे, लेकिन वर्तमान हालात इन दावों पर सवाल खड़े करते हैं।
800 एकड़ में फैला है होलकरकालीन तालाब
सिरपुर तालाब का इतिहास 130 साल पुराना है और यह होलकरकालीन धरोहर है। यह शहरी तालाब 800 एकड़ क्षेत्र में फैला है और यहां साल भर पानी रहता है। खास बात यह है कि इसका पानी शहर में पेयजल के लिए उपयोग नहीं होता, जिससे यह पक्षियों के लिए सुरक्षित है। यहां 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें 55 प्रकार के प्रवासी पक्षी शामिल हैं। यूरेशियन विगन, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड और ग्रेटर फ्लेमिंगो जैसे पक्षी यहां आते हैं।
लापरवाही से होगा बड़ा नुकसान
पर्यावरणविद भालू मोंढे ने चेतावनी दी है कि वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने के बाद संरक्षण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। यहां हर साल सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी और 100 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं। यदि पानी की गुणवत्ता और प्राकृतिक वातावरण को नहीं बचाया गया, तो यह पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीनी काम दिखने पर ही सरकार से संरक्षण के लिए राशि मिलेगी।
पर्यटन स्थल बनाने से बचें
पर्यावरणविद रवि गुप्ता का कहना है कि सिरपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की गलती नहीं करनी चाहिए। इसे पिकनिक स्पॉट बनाने और यहां मानवीय गतिविधियां बढ़ाने से प्राकृतिक वातावरण को नुकसान होगा। यदि यहां छेड़छाड़ नहीं रोकी गई, तो वेटलैंड सिटी का दर्जा बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा।
Trending Videos
यह भी पढ़ें...
Indore News: इंदौर में शराब की होम डिलीवरी धड़ल्ले से चल रही, टू व्हीलर पर एक लाख की बोतलें पकड़ाई
विज्ञापन
विज्ञापन
सिर्फ कागजों तक सीमित प्रयास
इंदौर को वेटलैंड सिटी का दर्जा दिलाने के लिए नौ में से चार मापदंडों को पूरा करने का दावा किया गया था, जिससे शहर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। सिरपुर तालाब को सहेजने के लिए पिछले 13 वर्षों से प्रयास चल रहे हैं। जनवरी 2022 में इसे रामसर साइट का दर्जा मिला और सितंबर 2023 में नगर निगम ने वेटलैंड सिटी के लिए दावा पेश किया। डेढ़ साल बाद इंदौर को यह दर्जा प्राप्त हुआ, लेकिन अब देखरेख के अभाव में यह उपलब्धि खतरे में दिख रही है।
केंद्र सरकार के पास भेजी 62 करोड़ की योजना
सिरपुर तालाब के विकास और संरक्षण के लिए नगर निगम ने 62 करोड़ रुपये की एक विस्तृत कार्ययोजना केंद्र सरकार को भेजी है। इसके अलावा, यशवंत सागर के विकास के लिए भी योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार के माध्यम से इन योजनाओं को केंद्र तक पहुंचाने और राशि स्वीकृत कराने की तैयारी चल रही है, ताकि विकास कार्यों को गति मिल सके।
जैव विविधता का प्रमुख केंद्र
अगस्त 2023 में वेटलैंड सिटी एक्रीडिएशन के तहत तालाब की जैव विविधता का अध्ययन किया गया था। रामसर सम्मेलन के मानकों के आधार पर यहां मछलियों, मेंढकों, सांपों और केंचुओं की विभिन्न प्रजातियों का डाटा जुटाया गया। तालाब के पानी को स्वच्छ रखने और नियमों के पालन के दावे किए गए थे, लेकिन वर्तमान हालात इन दावों पर सवाल खड़े करते हैं।
800 एकड़ में फैला है होलकरकालीन तालाब
सिरपुर तालाब का इतिहास 130 साल पुराना है और यह होलकरकालीन धरोहर है। यह शहरी तालाब 800 एकड़ क्षेत्र में फैला है और यहां साल भर पानी रहता है। खास बात यह है कि इसका पानी शहर में पेयजल के लिए उपयोग नहीं होता, जिससे यह पक्षियों के लिए सुरक्षित है। यहां 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें 55 प्रकार के प्रवासी पक्षी शामिल हैं। यूरेशियन विगन, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड और ग्रेटर फ्लेमिंगो जैसे पक्षी यहां आते हैं।
लापरवाही से होगा बड़ा नुकसान
पर्यावरणविद भालू मोंढे ने चेतावनी दी है कि वेटलैंड सिटी का दर्जा मिलने के बाद संरक्षण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। यहां हर साल सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी और 100 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं। यदि पानी की गुणवत्ता और प्राकृतिक वातावरण को नहीं बचाया गया, तो यह पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जमीनी काम दिखने पर ही सरकार से संरक्षण के लिए राशि मिलेगी।
पर्यटन स्थल बनाने से बचें
पर्यावरणविद रवि गुप्ता का कहना है कि सिरपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की गलती नहीं करनी चाहिए। इसे पिकनिक स्पॉट बनाने और यहां मानवीय गतिविधियां बढ़ाने से प्राकृतिक वातावरण को नुकसान होगा। यदि यहां छेड़छाड़ नहीं रोकी गई, तो वेटलैंड सिटी का दर्जा बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा।