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Indore: रामकी कंपनी में 120 टन जहरीले कचरे को दफन करने की पहले से थी तैयारी, अब कंटेनर में रहेगा; ऐसा क्यों?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sun, 05 Jan 2025 02:26 PM IST
सार

भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को लेकर विरोध जारी है। हालातों को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने रामकी कंपनी परिसर में मोर्चा संभाल रखा है। वहीं, कचरा अभी कंटेनरों में बंद है, जिसे अब कोर्ट के आदेश के बाद ही बाहर निकाला जाएगा।       

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Indore: Ramki company had already made preparations to bury 120 tonnes of toxic waste, now it will remain in t
जहरीले कचरे को दफनाने के लिए तैयार लैंडफील - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भोपाल से पीथमपुर लाए गए 337 टन कचरे के निपटान की तैयारी जनता के विरोध के कारण प्रभावित हो गई है। भोपाल से कचरा लाने से पहले रामकी कंपनी परिसर में 20 हजार से ज्यादा वर्गफीट क्षेत्र में खुदाई कर विशेष प्रकार के प्लास्टिक को बिछाया गया था। जिसमें 120 टन कचरा दफनाने की तैयारी थी। लेकिन, जनता के विरोध के कारण अभी लैंडफील का काम भी रुक गया है।

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गांव में फैल रही अफवाह
अब कोर्ट के आदेश तक जहरीला कचरा कटेंनरों में ही रहेगा। क्योकि, कंटेनरों को भी शिफ्ट करने से गांव में अफवाह फैल रही है। बीते शनिवार को ग्रामीणों को 12 में से एक कंटेनर परिसर में दिखाई नहीं दिया, इससे अफवाह फैल गई थी कि कचरे का निपटान शुरू हो चुका है। इस तरह के हालातों को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने कंपनी परिसर में मोर्चा संभाल रखा है।

2008 में भी हुआ था विरोध
ग्रामीणों में ज्यादा नाराजगी दफन किए जाने वाले कचरे को लेकर है, क्योकि वर्ष 2008 में दफन किए गए दस टन कचरे के बाद गांव के कुएं, बोरिंग और अन्य जल स्त्रोतों का पानी काला पड़ गया था। इस दौरान भारी विरोध के बाद तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश को रामकी कंपनी का दौरा करने आना पड़ा था। अब भोपाल से लाए गए 337 टन कचरे को निपटाने में छह महीने से अधिक का समय लगना है।

प्लेटफार्म पर भी नहीं रखा जा रहा कचरा
पीथमपुर की कंपनी तक कचरा लाने के बाद कमेटी और वैज्ञानिकों की मौजूदगी में कचरे का निपटान होना था। इसके लिए कंपनी परिसर में चार अस्थाई आवास और टेंट बनाए गए हैं। जमीन से पंद्रह फीट ऊंचा एक प्लेटफार्म भी बनाया गया है, जहां जहरीला कचरा रखा जाता है, लेकिन जनता के विरोध के बाद अभी कंटेनरों से कचरा नहीं उतराने का फैसला लिया गया है।

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