Indore Weather: दिल्ली-शिमला से ठंडा इंदौर, 4.5 डिग्री के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा पारा, 48 साल का रिकॉर्ड टूटा
10 दिसंबर 2025 को इंदौर का न्यूनतम तापमान 4.5°C तक गिर गया, जो 1977 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पचमढ़ी से भी कम रहा।इस दिन दिल्ली-शिमला से भी ज्यादा ठंडा इंदौर रहा है। दिन में गर्मी और रात में ठंड का असामान्य अंतर जलवायु परिवर्तन का संकेत दे रहा है। किसानों पर भी बदलते मौसम का असर दिखने लगा है।
विस्तार
दस दिसंबर 2025 को इंदौर में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस के ऐतिहासिक स्तर पर आ गया। यह सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इंदौर के इस न्यूनतम तापमान ने दिल्ली, शिमला और पचमढ़ी को पीछे छोड़ दिया। इस दिन शिमला और दिल्ली का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रिकार्ड किया गया। वहीं पचमढ़ी का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री था, जबकि इंदौर में इन सबसे कम यानि 4.5 डिग्री था। इसने दिसंबर 1977 का 4.8 डिग्री का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह वर्ष की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई।
पारा लुढ़का पर अहसास नहीं हुआ
इंदौर में पारे ने न्यूनतम स्तर का रिकॉर्ड कायम किया पर ठंड का वैसा अहसास नहीं है, जो हाड़-मांस को कंपकंपा दे। इतने न्यूनतम तापमान का आमजन को बिलकुल अहसास नहीं हुआ। जलवायु परिवर्तन के दौर में मौसम में भी अपने रंग बदलने लग गया है।
दिन गर्मी और रात में ठंड
मौसम का चक्र ऐसा हो गया है कि सर्दी के मौसम में भी दिन में गर्मी का अहसास होता है। वहीं, रात में ठंड रहती है। बंद कमरों में रात के समय भी उमस या गर्मी का अहसास होता है। दिन में तापमान अधिक रहने का कारण धूप का तेज रहना है। दिसंबर में अधिकतम औसत तापमान 27.6 डिग्री रहता है पर इस बार माह के आरंभ में अधिकतम तापमान 24 डिग्री से 27 डिग्री के मध्य दर्ज किया गया है। रातें ठंडी रहती पर दिन में गर्मी का अहसास रहता है। दिन और रात्रि के तापमान में काफी अंतर दर्ज हो रहा है। दिन में हवा की गति भी कम रहने से गर्मी का प्रभाव अधिक रहता है। वहीं, गुरुवार दिन का अधिकतम तापमान 28.2 डिसे दर्ज किया गया जो, सामान्य से एक डिग्री कम था। हवा छह किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दर्ज की गई।
जलवायु परिवर्तन का असर
पर्यावरणविद ओ.पी. जोशी का कहना है कि नगर का तापमान एयरपोर्ट पर दर्ज होता है वह क्षेत्र, खुला है। कुछ दूरी पर बिजासन, गोमटगिरि और पितृ पर्वत की पहाड़ी हैं। खेतों में फसल है पानी से सिंचाई हो रही है। इससे काफी ठंड रहती है। नगर में पहले की अपेक्षा काफी ऊंचे भवन बने हैं। नगर में बाग-बगीचे और पेड़ों में काफी कमी हुई है, वाहनों के प्रदूषण से भी वातावरण गर्म बना रहता है। जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व में हो रहा है इस कारण ठंड में सूर्य की गर्म किरणें ठंड का असर कम कर रही हैं।
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1990 के बाद सबसे ठंडा दिन
दस दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4.5 डिसे दर्ज किया, जो वर्ष 1963 में दर्ज न्यूनतम तापमान के बराबर रहा। दिसंबर माह के न्यूनतम तापमान के रिकॉर्ड को देखें तो वर्ष 1990 में सबसे कम 3.6 डिग्री तापमान दर्ज हुआ। 1990 के बाद यानि 35 वर्ष बाद सबसे ठंडी रात्रि 10 दिसंबर को दर्ज की गई। इस वर्ष तो न्यूनतम तापमान 5 डिसे से कुछ अधिक दो बार और बीती रात 4.5 डिग्री रिकॉर्ड रहा।
1936 में 1.1 डिग्री तक गिरा था पारा
1936 में दिसंबर का 1.1 न्यूनतम का रिकॉर्ड 27 दिसंबर को दर्ज हुआ था। न्यूनतम तापमान माह के अंत में छह बार दर्ज हुआ है। 14 दिसंबर 1964 में 14 दिसंबर को 2.4 डिग्री रहा था, जो माह के मध्य में था, पर इस बार दस दिसंबर को न्यूनतम तापमान ने रिकॉर्ड कायम कर यह अहसास करवा दिया कि माह के अंत में अधिक ठंड रह सकती है।
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उत्तर भारत की बर्फबारी का असर
उत्तरा खंड में केदारनाथ की ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर बर्फबारी से तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। कश्मीर में भी कई स्थानों पर तापमान शून्य से भी कम दर्ज किया गया है। उत्तर पूर्व भारत के समुद्र तल से 12.6 किमी ऊंचाई पर 204 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं, जिसके कारण उत्तर भारत में बर्फबारी हो रही है। इंदौर के आसमान पर उत्तर की ओर से ही हवाएं ठंडक ला रही हैं। इसके कारण वातावरण में काफी ठंडक है। इन सब कारणों से नगर में शीतलहर विशेष कर रात्रि में दर्ज हो रही है। एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे शीत प्रकोप की आगामी दिनों में कम होने संभावना है।
क्या कहते हैं किसान
बदलते मौसम के मिजाज से किसान भी चिंतित हैं। इंदौर जिले के डबलचौकी के समीप ग्राम टिनोनिया के 72 वर्षीय कृषक जगदीश सुनेर का कहना है कि गेहूं और चने के लिए जैसी ठंड होना चाहिए वैसी नहीं है। पाला (अधिक ठंड) के दिन अब देखने को नहीं मिलते हैं। पौष के महीने में कोहरा छाया रहता है और ओस का गिरना आरंभ हो जाता है पर वर्तमान में ओस बहुत ही कम पड़ रही है। वहीं, उज्जैन जिले के कृषक धर्मेंद्र पांचाल का कहना है कि ओस गिर रही है पर कम मात्रा में। ओस और कम ठंड के रहने से फसल की पैदावार तो होगी पर अनाज छोटी मात्रा में रहेगा। हरदा जिले के कड़ोला के रंजीत सिंह का कहना है कि ओस गिर रही है। सुबह और रात्रि में ठंड रहती है। दोपहर में सूरज की तेज किरणों से फसलों की पैदावार प्रभावित होगी।
दिसंबर के न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड आंकड़ा
| तारीख | न्यूनतम तापमान |
| 27-12-1936 | 1.1 |
| 24-12-1955 | 3.3 |
| 20-12-1961 | 4.3 |
| 17-12-1963 | 4.5 |
| 14-12-1964 | 2.4 |
| 31-12-1977 | 4.8 |
| 27-12-1983 | 3.9 |
| 28-12-1983 | 3.1 |
| 31-12-1990 | 3.6 |
| 11-12-2025 | 4.5 |
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