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Union Carbide: 56 दिन बाद खुले कंटेनर, आज जलेगा यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा, सुरक्षा सख्त, जानें प्रक्रिया?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Fri, 28 Feb 2025 08:47 AM IST
सार

पीथमपुर की रामकी कंपनी के आसपास आज सुबह से ही पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सख्त है। आज यूका के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।

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Union Carbide: The poisonous Yucca waste which killed five thousand people will be incinerated after 40 years
रामकी कंपनी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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40 साल पहले भोपाल में पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत की वजह बने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को भस्म करने की शुरुआत आज शुक्रवार से होगी। हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। गैस त्रास्दी के बाद से यह कचरा फैक्टरी में ही आसपास के वातावरण को दूषित कर रहा था।

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इसके निपटान के लिए सरकार ने 126 करोड़ रुपये पीथमपुर की रामकी कंपनी को दिए हैं। दो जनवरी को 337 टन कचर को भोपाल से इंदौर तक आठ घंटे का सफर तय कराकर यहां लाया गया था। लेकिन, पीथमपुर में हुए तगड़े जनविरोध के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा और रुको व देखो की रणनीति अपनाना पड़ी। विरोध करने वाले संगठनों से पहले अफसरों ने संवाद किया और अब शुक्रवार से कचरा जलाया जाएगा। यूनिकयन कार्बाइड कचरे को लेकर 40 साल में क्या हुआ आइए, जानते है इस खास रिपोर्ट में। 
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Union Carbide: The poisonous Yucca waste which killed five thousand people will be incinerated after 40 years
रामकी इंडस्ट्री में कचरा रखा है। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर

56 दिन बाद खोले गए कंटेनर
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने के लिए 56 दिन बाद गुरुवार को पांच कटेंनर खोले गए। अब इस कचरे को शुक्रवार से भस्मक में जलाने की तैयारी हो चुकी है। रामकी कंपनी के आसपास आज सुबह से ही पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए। अब कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके तहत पहले दस टन कचरे को विशेष बैग से निकाला जाएगा। इसके बाद उसे मिक्स किया जाएगा और फिर भस्मक में आठ सौ से ज्यादा डिग्री तापमान पर जलाया जाएगा।

Union Carbide: The poisonous Yucca waste which killed five thousand people will be incinerated after 40 years
इस तरह कंटेनर में ले जाया गया था जहरीला कचरा। - फोटो : अमर उजाला

यूनियन कार्बाइड कचरा, कब क्या हुआ?

पानी प्रदूषित नहीं हो रहा

वर्ष 2008 में दस टन कचरा पीथमपुर में लैंडफिल किया गया। दिल्ली से सांसदों का दल इसका निरीक्षण करने आया तो इसका खुलासा हुआ। कचरे के कारण गांव की नदी का पानी काला पड़ गया था। लोगों ने कचरे के निपटान का विरोध किया। तत्कालीन केंद्रीय पयार्वण मंत्री जयराम रमेश भी पीथमपुर आए थे और पानी के सेंपल ले गए थे। बाद में विशेषज्ञों ने कहा कि कचरे के कारण पानी प्रदूषित नहीं हो रहा है और न ही किसी तरफ की बीमारी फैल रही है।

कचरा पीथमपुर भेजे जाने के निर्देश
वर्ष 2015 में भोपाल के दस टन कचरे को जलाने का ट्रायल किया गया। उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। इस आधार पर कोर्ट ने 337 टन कचरे के निपटान के निर्देश सरकार को दिए। रिपोर्ट के आधार पर ही हाईकोर्ट ने 337 टन कचरे के निपटान की समयसीमा तय की गई। छह जनवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने हर हाल में तीन जनवरी से पहले पीथमपुर में कचरा भेजे जाने के निर्देश दिए थे।

Union Carbide: The poisonous Yucca waste which killed five thousand people will be incinerated after 40 years
पीथमपुर में आज जलेगा जहरीला कचरा - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर

दो जनवरी की रात लाया गया कचरा
यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का 337 टन कचरा 12 कंटेनरों में इंदौर के समीप पीथमपुर में दो जनवरी की रात को लाया गया। इसके लिए ग्रीन काॅरिडोर बनाया गया। ढाई सौ किलोमीटर का सफर तय करने में आठ घंटे लगे। पीथमपुर में कचरे का निपटान करने का जोरदार विरोध हुआ। दो लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। राष्ट्रीय राजमार्ग एबी रोड का ट्रैफिक रोका गया। इसके बाद सरकार ने वस्तुस्थिति कोर्ट के समक्ष रखी। कोर्ट ने जन संवाद कर कचरे से जुड़ी भ्रांतियां मिटाने की बात अफसरों को कही।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
इंदौर के गणमान्य नागरिकों ने कचरा जलाने के विरोध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद से ही कचरा जलाने का रास्ता साफ हो गया था। कुछ दिनों पहले कटेंनरों को ट्रकों से अलग किया गया था। अब उस कचरे को चार से छह माह के भीतर जलाया जाएगा। पहले दस-दस टन कचरे का वातावरण में कचरा जलाने के प्रभाव का आंकलन किया जाएगा और उसकी रिपोर्ट तैयार कर अगली सुनवाई में हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी।

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