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MP News: हाईकोर्ट ने पदोन्नति आरक्षण पर रोक बरकरार रखी; अब 16 को होगी सुनवाई; जानें नई पॉलिसी में देरी कहां?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Wed, 10 Sep 2025 04:07 PM IST
सार

Jabalpur News मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पदोन्नति आरक्षण मामले में रोक बरकरार रखी है। अब अगली सुनवाई 16 सितंबर को फिर से होगी। चलिए जानते हैं कि आरक्षण मामले में नई पॉलिसी का क्रियान्वयन क्यों रुका हुआ है, क्या वजह है?

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Ban on reservation in promotion continues
पदोन्नति में आरक्षण मामले में रोक बरकरार
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विस्तार
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण से जुड़े मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने कोर्ट में जवाब पेश कर बताया कि पुरानी और नई पॉलिसी में काफी अंतर है। सरकार ने नई प्रमोशन पॉलिसी लागू करने की अंतरिम अनुमति मांगी, लेकिन कहा कि पहले दी गई अंडरटेकिंग (वचन) के कारण नई पॉलिसी का क्रियान्वयन रुका हुआ है। इससे आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्ग प्रभावित हो रहे हैं।
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सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया
वहीं, याचिकाकर्ताओं ने सरकार के जवाब का अध्ययन करने और प्रत्युत्तर पेश करने के लिए समय मांगा। उनकी ओर से कहा गया कि क्रीमी लेयर और क्वांटिफायबल डेटा पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की पीठ ने अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की है।
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सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित
यह मामला भोपाल निवासी डॉ. स्वाति तिवारी और अन्य की याचिकाओं से जुड़ा है। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय के. अग्रवाल, मनोज शर्मा, एस.एम. गुरु और अन्य पैरवी कर रहे हैं। याचिकाओं में मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को चुनौती दी गई है।

दलील दी गई कि वर्ष 2002 के नियमों को हाईकोर्ट ने आर.बी. राय केस में रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ मप्र शासन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसके बावजूद मप्र शासन ने केवल नाममात्र का शाब्दिक बदलाव कर वही नियम दोबारा बना दिए।

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ये रहे मौजूद
इसी कारण हाईकोर्ट में फिर से याचिकाएं दाखिल की गईं। नौ जुलाई को हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने अंडरटेकिंग दी थी कि अगली सुनवाई तक इस पॉलिसी के तहत किसी को भी प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। मंगलवार को हुई सुनवाई में मप्र शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैद्यनाथन और महाधिवक्ता प्रशांत सिंह मौजूद रहे।

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