{"_id":"68a759e9219bc689e302ee80","slug":"three-postal-officials-sentenced-for-corruption-and-fraud-jabalpur-news-c-1-1-noi1229-3313357-2025-08-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jabalpur News: भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी में तीन डाक अधिकारियों को सजा, CBI कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jabalpur News: भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी में तीन डाक अधिकारियों को सजा, CBI कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Fri, 22 Aug 2025 08:04 AM IST
सार
आरोपियों ने लोगों से जमा धनराशि की फर्जी पासबुक जारी कर 1.21 करोड़ रुपये गबन किए। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने पद का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने से राशि निकालकर खुद को लाभ पहुंचाया।
विज्ञापन
भ्रष्टाचार में अधिकारियों का सजा।
- फोटो : अमर उजाला
-
- 1
-
Link Copied
विज्ञापन
विस्तार
सीबीआई की विशेष कोर्ट ने डाक विभाग के तीन अधिकारियों को भ्रष्टाचार तथा धोखाधड़ी के अपराध में दोषी करार दिया है। सीबीआई कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 1 करोड़ 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पांच-पांच साल के कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
अभियोजन की तरफ से बताया गया कि सागर जिले के बीना एलएसजी उप डाकघर के तत्कालीन उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार तथा उप डाकपाल के रूप में पदस्थ रहे हेमंत सिंह और रानू नामदेव ने 1 जनवरी 2020 से 5 जुलाई 2021 के बीच डाकघर में लोगों के द्वारा जमा करवाये गए रुपये की निकासी करते हुए उन्हें फर्जी पासबुक जारी की थी। लोगों को जारी की गई फर्जी पासबुक के जमा की गई राशि की सही एंट्री की गई थी, परंतु राशि उनके खाते में नहीं जमा की गई। अवधि पूरी होने पर लोगों रुपये की निकासी कराने पहुंचे थे। उनके खाते में राशि नहीं थी। इस मामले की शिकायत विभाग के द्वारा सीबीआई से की गई थी।
ये भी पढ़ें: गोवंश के साथ दुष्कृत्य करने वाला आरोपी गिरफ्तार, सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान, क्षेत्र में आक्रोश
सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि तीनों आरोपियों ने पद का दुरुपयोग करने हुए सरकारी खजाने को 1,21,82,921 रुपये गलत तरीके से निकालने का उपयोग खुद को लाभ पहुंचाने के लिए किया था। सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, जालसाजी तथा धोखाधड़ी कर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था। सीबीआई कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और गवाहों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दंडित किया। सीबीआई की तरफ से लोक अभियोजन संजय कुमार उपाध्याय ने पैरवी की।
Trending Videos
अभियोजन की तरफ से बताया गया कि सागर जिले के बीना एलएसजी उप डाकघर के तत्कालीन उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार तथा उप डाकपाल के रूप में पदस्थ रहे हेमंत सिंह और रानू नामदेव ने 1 जनवरी 2020 से 5 जुलाई 2021 के बीच डाकघर में लोगों के द्वारा जमा करवाये गए रुपये की निकासी करते हुए उन्हें फर्जी पासबुक जारी की थी। लोगों को जारी की गई फर्जी पासबुक के जमा की गई राशि की सही एंट्री की गई थी, परंतु राशि उनके खाते में नहीं जमा की गई। अवधि पूरी होने पर लोगों रुपये की निकासी कराने पहुंचे थे। उनके खाते में राशि नहीं थी। इस मामले की शिकायत विभाग के द्वारा सीबीआई से की गई थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: गोवंश के साथ दुष्कृत्य करने वाला आरोपी गिरफ्तार, सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान, क्षेत्र में आक्रोश
सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि तीनों आरोपियों ने पद का दुरुपयोग करने हुए सरकारी खजाने को 1,21,82,921 रुपये गलत तरीके से निकालने का उपयोग खुद को लाभ पहुंचाने के लिए किया था। सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, जालसाजी तथा धोखाधड़ी कर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था। सीबीआई कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और गवाहों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दंडित किया। सीबीआई की तरफ से लोक अभियोजन संजय कुमार उपाध्याय ने पैरवी की।