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Omkareshwar News: ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में दिखा मगरमच्छ, प्रशासन ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: खंडवा ब्यूरो
Updated Sun, 19 Oct 2025 04:48 PM IST
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सार
ओंकारेश्वर बांध के गेट बरसात के मौसम में खुले थे, जिसके कारण मगरमच्छ और उसके छोटे बच्चे बांध के जलाशय से नर्मदा नदी में आ गए। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता है, मगरमच्छ धूप लेने के लिए ऊपरी सतह पर आते हैं और कभी-कभी झरनों या पानी गिरने वाले स्थानों पर मछली का शिकार करने भी पहुंच जाते हैं।

ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में दिखा मगरमच्छ
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ठीक सामने रविवार दोपहर को नर्मदा नदी में मगरमच्छ दिखाई देने से स्थानीय श्रद्धालु एवं पर्यटक दहशत में आ गए। नदी में नौकायन कर रहे कुछ श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल से इसका वीडियो कैद किया, जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने और नदी में अचानक प्रवेश न करने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार, ओंकारेश्वर बांध के गेट बरसात के मौसम में खुले थे, जिसके कारण मगरमच्छ और उसके छोटे बच्चे बांध के जलाशय से नर्मदा नदी में आ गए। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता है, मगरमच्छ धूप लेने के लिए ऊपरी सतह पर आते हैं और कभी-कभी झरनों या पानी गिरने वाले स्थानों पर मछली का शिकार करने भी पहुंच जाते हैं। हालांकि, यह जानवर आमतौर पर सीधे इंसानों पर हमला नहीं करता, लेकिन पानी में किसी भी अप्रत्याशित घटना की आशंका बनी रहती है।
ये भी पढ़ें- बच्चों की मौत के पीछे श्रीसन फार्मा का बड़ा फर्जीवाड़ा, SIT जांच में केमिकल एनालिस्ट ने खोले राज
स्थानीय समाजसेवी प्रदीप ठाकुर और पंडित नवल किशोर शर्मा ने प्रशासन से अपील की है कि इस मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे ओंकारेश्वर बांध के जलाशय में पुनः छोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से नर्मदा स्नान कर सकें। विशेषकर दीपावली और अमावस्या जैसे पावन अवसरों पर नर्मदा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में प्रशासन की सतर्कता और लोगों की सुरक्षा के उपाय अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे नदी में स्नान करते समय सावधानी बरतें, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें, और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।

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प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने और नदी में अचानक प्रवेश न करने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार, ओंकारेश्वर बांध के गेट बरसात के मौसम में खुले थे, जिसके कारण मगरमच्छ और उसके छोटे बच्चे बांध के जलाशय से नर्मदा नदी में आ गए। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे मौसम ठंडा होता है, मगरमच्छ धूप लेने के लिए ऊपरी सतह पर आते हैं और कभी-कभी झरनों या पानी गिरने वाले स्थानों पर मछली का शिकार करने भी पहुंच जाते हैं। हालांकि, यह जानवर आमतौर पर सीधे इंसानों पर हमला नहीं करता, लेकिन पानी में किसी भी अप्रत्याशित घटना की आशंका बनी रहती है।
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स्थानीय समाजसेवी प्रदीप ठाकुर और पंडित नवल किशोर शर्मा ने प्रशासन से अपील की है कि इस मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे ओंकारेश्वर बांध के जलाशय में पुनः छोड़ा जाए, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से नर्मदा स्नान कर सकें। विशेषकर दीपावली और अमावस्या जैसे पावन अवसरों पर नर्मदा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में प्रशासन की सतर्कता और लोगों की सुरक्षा के उपाय अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे नदी में स्नान करते समय सावधानी बरतें, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें, और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।