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Khargone: अहिल्या की धर्म नगरी महेश्वर का खूबसूरत नजारा, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में प्रकृति ने बिखेरे अनूठे रंग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Sun, 05 Jan 2025 06:05 PM IST
सार
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित महेश्वर, नर्मदा नदी के शांत तट और सुंदर घाटों के साथ एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थल है। यहां जल क्रीड़ा कर रहे पक्षियों को देखने नावों से पहुंचते हैं पर्यटक।
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नर्मदा की गोद के किनारे प्राचीन घाट पर मंदिर और प्रकृति के विविध रंगों से सजा आसमान।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के इंदौर से करीब 90 किलोमीटर दूर बसे निमाड़ अंचल के खरगोन जिले की पर्यटन नगरी महेश्वर में इन दिनों प्रकृति ने अपने अनूठे रंग बिखेर रखे हैं। यहां बह रही पुण्य सलिला मां नर्मदा के शांत तट और सुंदर घाटों के साथ बसा यह नगर अपने में कई सांस्कृतिक धरोहरों के साथ ही ऐतिहासिक गौरव भी समेटे हुए हैं। इसके चलते होलकर वंश और विशेषकर मां अहिल्या बाई की यह धर्म नगरी इतिहास प्रेमियों के साथ-साथ आध्यात्मिक साधकों को अपनी ओर खींचकर, इसे एक आदर्श और सुंदर स्थान बनाती है।
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यहां दूर दराज से बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
यहां के ऐतिहासिक और सुंदर घाटों पर बने अनेक प्राचीन मंदिरों और यहां की प्रकृति के विविध रंगों से सजे आसमान के बीच सूर्योदय का दृश्य पर्यटकों के लिए स्वर्ग के मनोरम दृश्य से कम नजर नहीं आता है, जिसे देखने सर्दियों के दिनों में विशेषकर दूर दराज से बड़ी संख्या में पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं।
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सलिला मां नर्मदा के शांत तट।
- फोटो : अमर उजाला
नर्मदा में पक्षियों की जल क्रीड़ा
रामायण काल के माहिष्मती नगरी और पौराणिक काल के राजा सहस्त्रबाहु की राजधानी के इस अनुपम नजारे को अपने कैमरे में कैद करने पर्यटक भी नाविकों संग मां नर्मदा के आंचल में जल क्रीड़ा कर रहे पक्षियों के बीच नावों से पहुंचकर इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बनाने ब्रह्म मुहूर्त से ही यहां जुटने लगते हैं।
रामायण काल के माहिष्मती नगरी और पौराणिक काल के राजा सहस्त्रबाहु की राजधानी के इस अनुपम नजारे को अपने कैमरे में कैद करने पर्यटक भी नाविकों संग मां नर्मदा के आंचल में जल क्रीड़ा कर रहे पक्षियों के बीच नावों से पहुंचकर इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बनाने ब्रह्म मुहूर्त से ही यहां जुटने लगते हैं।

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