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Mandla News: 84 पंचायतों में पारित हुआ शराबबंदी का प्रस्ताव, घुघरी तहसील को नशामुक्त घोषित करने की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला Published by: मंडला ब्यूरो Updated Wed, 29 Oct 2025 04:58 PM IST
सार

मंडला जिले की घुघरी तहसील में 84 ग्राम पंचायतों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी के प्रस्ताव पारित किए हैं। पंचायतों ने शराब बिक्री पर रोक और नशामुक्त अभियान चलाने का निर्णय लिया। सरपंच संघ ने शराब दुकानों की बंदी की मांग की, वहीं कलेक्टर ने पंचायतों की पहल को समर्थन देने की बात कही।

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Prohibition of liquor passed in 84 panchayats, demand to declare Ghughri tehsil as drug-free
84 पंचायतों में पारित हुआ शराबबंदी का प्रस्ताव, घुघरी तहसील को नशामुक्त घोषित करने की मांग
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विस्तार
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मंडला जिले की घुघरी तहसील में शराबबंदी को लेकर ग्राम पंचायतों ने सराहनीय पहल की है। जनपद पंचायत मोहगांव की 38 और घुघरी जनपद की 46 पंचायतों सहित कुल 84 पंचायतों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी के प्रस्ताव पारित किए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि गांवों में शराब के सेवन और विक्रय से सामाजिक जीवन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है, जिससे विशेष रूप से युवाओं और बच्चों का भविष्य खतरे में है।

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8 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभाओं में यह निर्णय लिया गया कि गांवों में देशी, विदेशी और महुआ शराब का विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पंचायतों का मानना है कि नशे की लत ने कई परिवारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर किया है। इसी के चलते पंचायतों ने ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है।
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इसी क्रम में मोहगांव ब्लॉक सरपंच संघ ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर घुघरी तहसील को नशामुक्त घोषित करने की मांग की है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि यदि सात दिनों के भीतर शराब की दुकानों को बंद नहीं किया गया, तो सरपंच संघ और ग्रामीण मिलकर आंदोलन करेंगे। संघ ने यह भी मांग रखी कि क्षेत्र में संचालित देशी, विदेशी और महुआ शराब विक्रय के सभी लाइसेंस तत्काल निरस्त किए जाएं।

सरपंच संघ मोहगांव के अध्यक्ष रम्मू कुलस्ते ने बताया कि पंचायतें अब केवल प्रस्ताव पारित करने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि नशामुक्ति के लिए जनजागरूकता अभियान भी चला रही हैं। इसके तहत ग्रामीणों को शराब के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जा रहा है और युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायतें चाहती हैं कि आने वाली पीढ़ी नशे की गिरफ्त में न आए और गांवों में स्वस्थ वातावरण बने।

कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इस संबंध में कहा कि प्रशासन पंचायतों की भावनाओं का पूरा सम्मान करता है। उन्होंने बताया कि जनसहयोग और जागरूकता के माध्यम से शराबबंदी को प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। प्रशासन इस अभियान में पुलिस और अन्य विभागों की मदद से नशामुक्ति अभियान को और मजबूत करेगा। कलेक्टर ने यह भी कहा कि शासन का उद्देश्य है कि समाज में व्यसनमुक्त वातावरण बने, ताकि युवाओं की ऊर्जा विकास कार्यों और सकारात्मक दिशा में उपयोग हो सके। पंचायतों की यह पहल निश्चित रूप से समाज को नशे की जकड़न से मुक्त कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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