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Satta Ka Sangram: मंडला के युवाओं के लिए रोजगार मुद्दा, बोले- धर्म नहीं, शिक्षा-स्वास्थ्य बनें चुनावी मुद्दे

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला Published by: उदित दीक्षित Updated Fri, 12 Apr 2024 03:26 PM IST
सार

Satta Ka Sangram: अमर उजाला का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' आज मध्यप्रदेश के मंडला जिले में है। यहां सुबह लोंगों के साथ चाय पर चर्चा की गई। दोपहर में युवाओं से मुद्दे जाने गए। अब शाम को राजनीतिक दलों के नेता सवालों के जवाब देंगे। पढ़िए क्या बोले युवा? 

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Satta Ka Sangram in Mandla Youth raised issues of employment education and health
Satta Ka Sangram: युवाओं ने उठाए रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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अमर उजाला के चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' की शुरुआत नौ अप्रैल को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से हुई। आज शुक्रवार को दिन भर मंडला लोकसभा क्षेत्र में सत्ता का संग्राम जारी है। यहां भाजपा ने छह बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस ने ओंकार सिंह मरकाम को चुनावी मैदान में उतार है। पढ़िए, सुबह मंडला बस स्टैंड के सामने लोगों के साथ चाय पर चर्चा की गई। जिसमें लोगों दिल खोलकर अपनी बात रखी। वहीं, दोपहर में युवाओं से चर्चा की गई। जानिए, क्या बोले युवा? 

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शिक्षक सुनील कुमार मनोरिया ने कहा कि मप्र में सबसे बड़ी समस्या भर्तियों की हैं। यहां, भर्तियां नहीं निकलती हैं और जब निकलती हैं तो परीक्षांए नहीं होती हैं। अगर, परीक्षाएं होती हैं तो रिजल्ट अटका रहा है। हाल ही में हुई पटवारी परीक्षा में जो बच्चे टॉपर बने उन्हें जिला भी नहीं पता था। यह बात एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में सामने आया था। लेकिन, जांच में कुछ नहीं हुआ, बाद में उनकी ज्वाइनिंग हो गई। चुनाव में असल मुद्दे बेरोजगार, भुखमरी और स्वास्थ्य सुविधाएं होनी चाहिए। लेकिन, नेता इन मुद्दों से ध्यान भटकाकर जाति और धर्म ले आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर, मप्र में 1000 लोगों की भर्ती निकलती है तो 500 जगह सेटिंग से भरी जातीं है और 500 पर कड़ी फाइट होती है। मेरा सुझाव है कि सरकार प्रदेश में एक कलेंडर जारी करे, जिसमें वैकंसी को लेकर पूरी जानकारी दी जाए। सरकार धर्म की राजनीति न करे, युवाओं के भविष्य को लेकर काम करे। 
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छात्रा जयंती ने कहा कि सरकार वैंकसी बहुत कम नहीं आती हैं। अगर, वैंकसी आती है तो उसमें कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाती है। जिससे नौकरी नहीं मिलती, हमारी मांग है कि सरकार इस पर फोकस रखकर काम करे। 

एक अन्य छात्र सुभाष ने कहा कि चुनाव में मुख्य मुद्दे शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार होने चाहिए। मंडला जिले में शिक्षका की हालत ये है कि मवई और घुघरी विकासखंड के ज्यादतर सरकारी स्कूलों में एक शिक्षक है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। ऐसा लगता है कि यहां ठेके पर शिक्षा का काम किया जा रहा है। रोजगार की बात करें तो यहां ऐसा कुछ है ही नहीं जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। जिन लोगों के पास मास्टर की डिग्री वे मजदूरी का काम कर रहे हैं।  

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 आज आखिरी कार्यक्रम  
राजनीतिक दलों से चर्चा (शाम 5 बजे)
स्थान : रपता घाट
स्थानीय संपर्क: आयुष   
मोबाइलः  8982864647

इस विशेष कवरेज को आप यहां देख सकेंगे
amarujala.com, अमर उजाला के यूट्यूब चैनल और फेसबुक चैनल पर आप 'सत्ता का संग्राम' से जुड़े कार्यक्रम लाइव देख सकेंगे। 'सता का संग्राम' से जुड़ा व्यापक जमीनी कवरेज आप अमर उजाला अखबार में भी पढ़ सकेंगे।

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