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MP Election: गोटेगांव विधानसभा से लगातार दूसरी बार कोई नहीं बना विधायक, कांग्रेस ने काटा NP प्रजापति का टिकट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नरसिंहपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 17 Oct 2023 05:36 PM IST
सार

MP Election 2023: नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा सीट का इतिहास रहा है कि लगातार दूसरी बार कोई जीत हासिल नहीं कर पाया है। इससे स्पष्ट है कि यहां की जनता बदलाव पर यकीन रखती है। कांग्रेस ने वर्तमान विधायक तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति का टिकट काटकर शेखर चौधरी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने भी नए चेहरे मृहेन्द्र नागेश को चुनाव मैदान में उतारा है।

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MP Election No one became MLA from Gotegaon Assembly for the second consecutive time
मध्यप्रदेश चुनाव 2023 - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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गोटेगांव विधानसभा सीट साल 1972 में अस्तित्व में आई और एससी वर्ग के लिए आरक्षित हुई। विधानसभा चुनाव 192 में कांग्रेस पार्टी के नर सिंह दास विजयी हुए। उन्हें 13,996 मत प्राप्त हुए, जो कुल मतों का 36.94 प्रतिशत था। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी ठाकुर शशिभूषण सिंह को 13,725 मत प्राप्त हुए, जो कुल मतों का 36.22 प्रतिशत था। एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी महंत गुलाबपुरी को 8,311 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 21.98 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी को 271 मतों से विजय प्राप्त हुई थी।

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साल 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के सरसचंद्र ने विजय हासिल की। उन्हें 15,638 मत प्राप्त हुए, जो कुल मतों का 42.98 प्रतिशत था। कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम को 13,574 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 37.26 प्रतिशत था। इस प्रकार जनता पार्टी के उम्मीदवार को 2,064 मतों से विजय प्राप्त हुई थी। साल 1980 में कांग्रेस के रामकृष्ण हाजी ने विजय हासिल की थी। उन्हें 20,213 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 51.09 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी सरस चंद्र को 14,786 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 37.38 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 5,427 मतों से विजय प्राप्त की।
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साल 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी एनपी प्रजापति ने विजय हासिल की। उन्होंने 25,163 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 50.71 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी अरविंद झारिया को 22,413 मत प्राप्त हुई थे, जो कुल मतों का 45.16 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 2,750 मतों से विजय प्राप्त की। साल 1990 में कांग्रेस ने तत्कालीन विधायक एनपी प्रजापति का टिकट काटकर शेखर चौधरी को मैदान में उतरा था। भाजपा प्रत्याशी अंचल सोनकर ने कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित कर विजय हासिल की थी। भाजपा प्रत्याशी अंचल सोनकर को 31,113 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 50.52 प्रतिशत था। कांग्रेस प्रत्याशी को 25,514 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 41.41 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 5,598 मतों से विजय प्राप्त की।

साल 1993 में कांगेस ने दोबारा एनपी प्रजापति को चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने विजय हासिल की। कांगेस प्रत्याशी 42,646 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 56.23 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी बेनी प्रसाद को 29,862 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 39.37 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 9,293 मतों से विजय प्राप्त की।

साल 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने एनपी प्रजापति का टिकट काटकर शेखर चौधरी को मैदान में उतारा था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बेनी प्रदास को पराजित किया। कांग्रेस प्रत्याशी को 41,499 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 50.18 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी बेनी प्रसाद को 33,353 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 40.33 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 8,146 मतों से विजय प्राप्त की।

साल 2003 के चुनाव में कांग्रेस ने शेखर चौधरी का टिकट काटकर दोबारा एनपी प्रजापति पर दांव लगाया था। भाजपा प्रत्याशी हाकम सिंह चढार से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। भाजपा प्रत्याशी हाकम सिंह चढार को 43,894 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 37.53 प्रतिशत था। कांग्रेस प्रत्याशी को 42,571 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 36.40 प्रतिशत था। निर्दलीय प्रत्याशी वीरेन्द्र सिंह को 18,248 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 15.6 इस प्रकार भाजपा उम्मीदवार ने 1,323 मतों से विजय प्राप्त की।

साल 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी एनपी प्रजापति ने भाजपा के शेखर चौधरी को पराजित किया। कांग्रेस प्रत्याशी को 53,664 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 44.94 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी को 31,344 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 26.25 प्रतिशत था। भारतीय जन शक्ति पार्टी के हाकम सिंह चढार को 10,693 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 8.95 प्रतिशत था।

इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 22,320 मतों से विजय प्राप्त की। साल 2013 में कांग्रेस ने दोबारा एनपी प्रजापति को चुनाव में उतारा था। इस बार उन्हें भाजपा उम्मीदवार डॉ कैलाश जाटव से पराजय का सामना करना पड़ा था। भाजपा उम्मीदवार को 74,759 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 51.81 प्रतिशत था। कांग्रेस प्रत्याशी एनपी प्रजापति को 54,588 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 37.83 प्रतिशत था। इस प्रकार भाजपा उम्मीदवार को 20,171 मतों से विजय प्राप्त की।

साल 2018 में कांग्रेस ने एनपी प्रजापति पर दांव लगाया था। कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा के डॉ कैलाश जाटव को पराजित किया था। कांग्रेस प्रत्याशी को 79,289 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 49.74 प्रतिशत था। भाजपा प्रत्याशी को 66,706 मत प्राप्त हुए थे, जो कुल मतों का 41.85 प्रतिशत था। इस प्रकार कांग्रेस उम्मीदवार ने 12,583 मतों से विजय प्राप्त की।

इस बार कांग्रेस ने एनपी प्रजापति का टिकट काटकर शेखर चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने मृगेन्द्र नागेश को चुनाव मैदान में उतारा है। शेखर चौधरी क्षेत्र के पुराने कांग्रेसी नेता हैं और पूर्व में विधायक भी रह चुके हैं। भाजपा उम्मीदवार जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य हैं। इसके अलावा क्षेत्र में धार्मिक अस्था के दो केन्द्र हैं, जिनकी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

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