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Rewa News: गाली-गलौज करने पर मऊगंज तहसीलदार बी.के. पटेल निलंबित, वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रीवा
Published by: रीवा ब्यूरो
Updated Sun, 28 Sep 2025 01:46 PM IST
सार
भूमि विवाद पर पूछे गए सवाल के दौरान पटेल आपा खो बैठे और अपशब्द कहने लगे। उनके इस व्यवहार को मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का उल्लंघन माना गया। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय मऊगंज निर्धारित किया गया है।
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आदेश की कॉपी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मऊगंज जिले में पदस्थ तहसीलदार बी.के. पटेल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। रीवा संभागायुक्त बाबू सिंह जामोद ने तत्काल प्रभाव से पटेल को निलंबित कर दिया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें तहसीलदार पटेल ग्राम गनिगवां, बूढ़र देवतालाब तहसील मऊगंज में एक ग्रामीण से अशिष्ट भाषा का प्रयोग करते, गाली-गलौज करते और कॉलर पकड़ते हुए नजर आए। यही नहीं, उन्होंने ग्रामीण के साथ अभद्र व्यवहार भी किया।
आखिर क्यों की गाली-गलौज?
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण ने तहसीलदार से भूमि से जुड़ी शिकायत पर जवाब मांगा था। इस दौरान बहस बढ़ गई और पटेल आपा खो बैठे। आरोप है कि उन्होंने कुर्सी पर बैठे-बैठे ही अभद्र भाषा का प्रयोग कर गाली-गलौज शुरू कर दी और ग्रामीण को धमकाने की कोशिश की।
निलंबन आदेश
मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करने के कारण यह कार्रवाई की गई। आदेश में कहा गया है कि पटेल का व्यवहार अशोभनीय और अमर्यादित पाया गया है, जो किसी शासकीय अधिकारी के अनुरूप नहीं है। निलंबन की अवधि में पटेल का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय मऊगंज निर्धारित किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
आगे की प्रक्रिया
रीवा कमिश्नर ने कलेक्टर मऊगंज को निर्देश दिया है कि तहसीलदार पटेल के खिलाफ लगे आरोपों की विस्तृत जांच रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाए।
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आखिर क्यों की गाली-गलौज?
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण ने तहसीलदार से भूमि से जुड़ी शिकायत पर जवाब मांगा था। इस दौरान बहस बढ़ गई और पटेल आपा खो बैठे। आरोप है कि उन्होंने कुर्सी पर बैठे-बैठे ही अभद्र भाषा का प्रयोग कर गाली-गलौज शुरू कर दी और ग्रामीण को धमकाने की कोशिश की।
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निलंबन आदेश
मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करने के कारण यह कार्रवाई की गई। आदेश में कहा गया है कि पटेल का व्यवहार अशोभनीय और अमर्यादित पाया गया है, जो किसी शासकीय अधिकारी के अनुरूप नहीं है। निलंबन की अवधि में पटेल का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय मऊगंज निर्धारित किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
आगे की प्रक्रिया
रीवा कमिश्नर ने कलेक्टर मऊगंज को निर्देश दिया है कि तहसीलदार पटेल के खिलाफ लगे आरोपों की विस्तृत जांच रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाए।