Sehore news: भागवत में बोले प्रदीप मिश्रा- शिव ही रोम-रोम में, अविरल भक्ति ही परमात्मा से मिलन का सच्चा मार्ग
सीहोर के अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सच्ची निष्ठा और सादगी से की गई भक्ति ही ईश्वर तक पहुंचाती है। शिव को सनातन धर्म का परम कारण बताया। गुरु को जीवन का मार्गदर्शक मानते हुए उन्होंने आत्मा-परमात्मा के मिलन को मानव जीवन का उद्देश्य कहा।

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सीहोर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अविरल भक्ति ही परमात्मा से मिलने का मार्ग है। जितनी सादगी और भाव से पूजा होगी, भगवान उतनी जल्दी प्रसन्न होंगे। “माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर” की तरह केवल बाहरी आडंबर नहीं, बल्कि हृदय की सच्ची निष्ठा ही ईश्वर तक पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि भक्ति को लेकर किसी की नकारात्मक बातों को महत्व न दें। राम, कृष्ण और महादेव की भक्ति किसी भी हाल में नहीं छोड़नी चाहिए।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि शिव हमारे रोम-रोम में बसते हैं। जब तक श्वास है, तब तक शिव हैं। श्वास ही शिव है और श्वास रुकते ही शरीर शव बन जाता है। शिव सनातन धर्म का परम कारण और कार्य हैं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – चारों पुरुषार्थ शिव से ही प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि जो शिव की शरण में नहीं है, वह दुख के गर्त में डूब जाता है। पुराणों में भी स्पष्ट है कि शिव और शक्ति का अपमान करने वाले को प्रकृति कभी क्षमा नहीं करती।
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गुरु ही शिव, गुरु ही देव
कथा वाचक ने कहा कि गुरु और ईश्वर में कोई भेद नहीं है। गुरु ही शिव हैं और गुरु ही देव हैं। बिना गुरु के मनुष्य का जीवन अधूरा है और भवसागर पार करना असंभव है। जिस तरह आंख से देखा जाता है, जुबान से बोला जाता है और प्राण से जीवन चलता है, उसी प्रकार ईश्वर से मिलने के लिए गुरु का होना अनिवार्य है। उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे गुरु के प्रति निष्ठा और श्रद्धा रखें, तभी जीवन सार्थक हो सकता है।
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आत्मा का परमात्मा से मिलन ही जीवन का उद्देश्य
पंडित मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक जीव की आत्मा परमात्मा का अंश है और आत्मा का परमात्मा से मिलन ही मानव जीवन का परम उद्देश्य है। इसके लिए आत्मा को जानना और उसका अनुभव करना जरूरी है। जब तक मनुष्य आत्मा की अनुभूति नहीं करेगा, तब तक परमात्मा से मिलन संभव नहीं। उन्होंने कहा कि मानव जीवन बड़ी कठिनाई से मिलता है, इसलिए इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा स्थल पर नंद उत्सव और गोवर्धन पूजन का आयोजन श्रद्धा और उल्लास से हुआ, वहीं आगामी दिवस पर रुक्मणी विवाह और तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
सीहोर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा
सीहोर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा
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