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Sidhi News: खाद संकट गहराया, चुरहट खाद गोदाम पर किसानों की भारी भीड़, सात घंटे इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीधी
Published by: सीधी ब्यूरो
Updated Thu, 04 Sep 2025 09:40 PM IST
सार
सीधी जिले में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। चुरहट गोदाम पर हजारों किसान 7 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाली हाथ लौटे। 15 दिनों से संकट गहराता जा रहा है। धान की फसल पर असर पड़ने की आशंका है। प्रशासन ने जल्द आपूर्ति सामान्य करने का आश्वासन दिया।
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खाद के लिए लगी भीड़
- फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
सीधी जिले में यूरिया खाद का संकट लगातार गहराता जा रहा है। गुरुवार को चुरहट खाद गोदाम पर किसानों की भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही हजारों की संख्या में किसान गोदाम पहुंच गए थे, उम्मीद थी कि आज उन्हें खाद मिल जाएगी। लेकिन शाम तक हालात जस के तस रहे और किसान 7 घंटे तक परेशान होने के बावजूद खाद नहीं ले पाए।
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किसानों का कहना है कि पिछले 15 दिनों से खाद का संकट बना हुआ है। खेतों में धान की फसल खाद की मांग कर रही है, लेकिन समितियों और गोदामों में खाद न मिलने से उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कई किसानों ने शिकायत की कि वे रोजाना सुबह से शाम तक लाइन में लगते हैं, बावजूद इसके खाली हाथ लौटना पड़ता है। इस किल्लत से किसान बेहद निराश और हताश नजर आए।
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गोदाम के बाहर दिनभर अफरातफरी का माहौल बना रहा। धूप और उमस के बीच किसान खाद की आस लगाए घंटों खड़े रहे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे। कुछ किसान अपनी बैलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर खाद लेने आए थे, लेकिन खाद न मिलने पर मायूस लौटना पड़ा।
इधर, किसानों की लगातार बढ़ती नाराजगी के बीच कृषि उपसंचालक डॉ. राजेश सिंह ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि खाद की आपूर्ति लगातार की जा रही है और धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को केवल यूरिया पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। नैनो यूरिया और जैविक खाद इसके बेहतर विकल्प हैं, जिनका उपयोग कर फसलों को पोषक तत्व उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि सीधी जिले में यूरिया संकट अब गंभीर रूप लेता जा रहा है। समितियों और गोदामों के बाहर रोजाना लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। किसान कह रहे हैं कि जब तक उन्हें पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध नहीं कराया जाता, तब तक फसल बचाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं प्रशासन का दावा है कि जल्द ही आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी।

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