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MP News: पहले यहां होती थी काले पानी की सजा, अब यहां की धरती उगलने लगी सोना, जानिए कौन करेगा खनन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली
Published by: सिंगरौली ब्यूरो
Updated Wed, 17 Sep 2025 10:05 PM IST
सार
सिंगरौली जिले के चितरंगी क्षेत्र में 23 हेक्टेयर भूमि से 18,356 टन सोना निकाला जाएगा। गोल्ड ब्लॉक का एग्रीमेंट अडानी ग्रुप की गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड से हुआ है। पांच साल तक उत्खनन होगा। जिले की पहचान कोयले और बिजली के साथ अब सोने की खदानों से भी होगी।
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- फोटो : istock
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विस्तार
ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली जिले में खनिज संपदाओं की वजह से यहां की धरती से कोयला निकलता था, लेकिन अब इसी जमीं से सोना निकलेगा। वैसे तो यह इलाका बिजली और कोयले की संपन्नता की वजह से जाना जाता है लेकिन अब इसे सोने की धरती के नाम से भी जाना जाएगा। जिले के चितरंगी इलाके में 23 हेक्टेयर भूमि से 18 हजार 356 टन सोना निकाला जाएगा। गोल्ड ब्लॉक का एग्रीमेंट हो चुका है। अडानी ग्रुप की गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मिला है। जल्द ही यहां सोना निकालने का काम शुरू हो जाएगा।
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यह पुष्टि जिला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल ने की है। उन्होंने बताया कि चकरिया गोल्ड ब्लॉक के लिए एग्रीमेंट हो चुका है। कंपनी पांच साल तक यहां गोल्ड माइंस चलाएगी। इसके बाद यहां से कुल 18 हजार 356 टन सोना निकलेगा। पिछले एक साल से कंपनी ने यहां ड्रिलिंग करके सोने का रेशियो पता कर लिया है। इस गोल्ड माइंस का रकबा बहुत बड़ा हिस्सा शासकीय जमीन का है और कुछ हिस्सा निजी भूमि का है। सिंगरौली जिले में पहले से ही कोयले की 11 खदानें चल रही हैं। इसके अलावा, अब सोने का उत्खनन भी होगा। यह सिंगरौली के लिए गौरव की बात है।
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उन्होंने यह भी बताया कि अभी इस गोल्ड माइंस के अलावा दो और गोल्ड ब्लॉक बनाए गए हैं, उनकी नीलामी हो चुकी है। अभी उनमें ड्रिलिंग का काम चल रहा है। उसके बाद पता चलेगा कि बाकी की दो अन्य खदानों में कितना सोना निकलेगा?
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पहले यहां मिलती थी काले पानी की सजा
सिंगरौली ये वही धरती है जहां कभी काले पानी की सजा दी जाती थी, लेकिन समय का चक्र बदला अब यहां की धरती काले हीरे से सोने में परिवर्तित हो गई है यानी कोयला के साथ-साथ अब सोना उगलेगी। इसकी पहचान देश विदेश में कोयला और बिजली उत्पादन के लिए होता है, लेकिन अब इसे सोना के प्रोडक्शन के लिए भी जाना जाएगा।

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