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Tikamgarh News: आदिम जाति विभाग के लिपिक पर एक्शन, संयोजक पर भी जांच की आंच; राहत राशि में देरी करना पड़ी भारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: टीकमगढ़ ब्यूरो Updated Tue, 09 Sep 2025 08:35 PM IST
सार

MP News: समाधान ऑनलाइन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने टीकमगढ़ जिले के मामले की समीक्षा की। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत के बाद भी दुष्कर्म पीड़िता को नहीं राशि मिली थी। इस मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग के लिपिक को निलंबित किया गया। आगे की जांच के आदेश दिए गए हैं।

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Clerk suspended for not giving relief money to rape victim on time, investigation of district coordinator
मामले को ऑनलाइन सुनते मुख्यमंत्री
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विस्तार
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार देर शाम समाधान ऑनलाइन में टीकमगढ़ जिले के एक मामले की समीक्षा की। यह मामला सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत से जुड़ा था, जिसमें दुष्कर्म पीड़िता को राहत की शेष राशि समय पर नहीं मिल पाई थी।

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मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
समीक्षा के दौरान एनआईसी कक्ष में पीड़िता भी मौजूद थी। कलेक्टर ने बताया कि अब पीड़िता को शेष राशि का भुगतान कर दिया गया है। विलंब करने वाले आदिम जाति कल्याण विभाग के लिपिक विनीत श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच जिला संयोजक मुकेश पालीवाल के खिलाफ भी जारी है। इसके साथ ही सागर संभागीय उपायुक्त डॉ. प्रियंका राय के खिलाफ भी लापरवाही के कारण जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में यह सभी निर्देश दिए।

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जानें क्या था पूरा मामला?
टीकमगढ़ कलेक्टर ने बताया कि पीड़िता के पति ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ था और यह मामला एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज था। न्यायालय ने 21 फरवरी 2024 को आरोपी को दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी। इसके बाद जब पीड़िता न्यायालय की प्रति लेकर आदिम जाति कल्याण विभाग के लिपिक को गई, तो भी राहत राशि का भुगतान नहीं किया गया। कई बार अनुरोध करने के बावजूद विभाग ने भुगतान में देरी की।

इसके बाद पीड़िता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की, लेकिन वहां भी समय पर सुनवाई नहीं हुई। जिला संयोजक और संभागीय अधिकारी ने भी इस मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखाई। अंततः यह मामला समाधान ऑनलाइन में पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी समीक्षा की और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

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